Farmer Protest: बंद रहेगा शंभू बॉर्डर, किसानों के लिए नहीं खुलेगी दिल्ली की राह, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने दिया क्या फैसला

कुलदीप पंवार | Updated:Jul 24, 2024, 02:13 PM IST

Farmer Protest: किसानों के जत्थे दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए जाते समय फरवरी महीने में हरियाणा-पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर रोके गए थे, जहां वे अस्थायी कैंप बनाकर रह रहे हैं.

Farmer Protest: किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए जाने से रोकने के लिए हरियाणा-पंजाब के बीच बंद किए गए शंभू बॉर्डर से बैरीकेडिंग हटाने की राह साफ हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हरियाणा और पंजाब सरकार को शंभू बॉर्डर की बैरीकेडिंग चरणबद्ध तरीके से हटाने का आदेश दिया है. हालांकि यहां फरवरी महीने से अस्थायी शिविर लगाकर रह रहे हजारों किसानों को अभी दिल्ली जाने की इजाजत नहीं मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए इस मामले में एक स्वतंत्र समिति बनाए जाने का निर्देश दिया है. यह समिति किसानों और अन्य हितधारकों से मिलकर शंभू बॉर्डर पर बने गतिरोध का कोई हल तलाशने का काम करेगी.

यह कहा है सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में

सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि अंबाला के करीब शंभू बॉर्डर पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखी जाए, जहां किसान 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में सम्मानित लोगों की एक स्वतंत्र कमेटी बनाए जाने का प्रस्ताव रखता है. यह कमेटी किसानों और अन्य हितधारकों के पास जाएगी और उनकी मांगों को पूरी करने का कोई उचित हल सुझाएगी, जो उनके लिए अच्छा और सभी के हित में हो.

हरियाणा और पंजाब सरकार बताएं कमेटी के लिए नाम

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों को कुछ लोगों के नाम सुझाने का निर्देश दिया है, जिन्हें इस स्वतंत्र कमेटी का हिस्सा बनाया जा सके. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि दोनों सरकार ऐसा नहीं करती हैं तो वह खुद कमेटी के लिए सही लोगों का चुनाव करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को कमेटी मेंबर्स के नाम सुझाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है.


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पब्लिक के लिए परेशानी बने बैरिकेड हटाइए

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों को चरणबद्ध तरीके से शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स हटाने का निर्देश भी दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस कदम से आम पब्लिक को हो रही परेशानी हल हो सकेगी.

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी हरियाणा सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला हरियाणा सरकार की उस याचिका पर दिया था, जिसमें पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई थी. पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स हटाने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि रास्ते को हमेशा के लिए बंद नहीं रखा जा सकता है. यदि किसान प्रदर्शन करना चाहते हैं तो चिह्नित जगह पर कर सकते हैं. उन्हें दिल्ली जाने से नहीं रोका जा सकता है. हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर के साथ ही खनौरी बॉर्डर पर भी शुरू हुए किसानों के धरने में कथित तौर पर पुलिस की गोली से मारे गए 22 साल के किसान शुभकरण की मौत की भी जांच SIT से कराने का आदेश दिया था. 


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किसानों ने कर रखा है 15 अगस्त को दिल्ली कूच का ऐलान

शंभू बॉर्डर पर आंदोलन की कमान संभाल रहे संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने 15 अगस्त को दिल्ली कूच करने का ऐलान कर रखा है. किसान संगठनों का कहना है कि वे हरियाणा-पंजाब के बीच शंभू व खनौरी बॉर्डर खुलते ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे और वहां पहले की तरह धरना प्रदर्शन करेंगे. 

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