Farmers Protest: आंदोलन खत्म, 11 दिसंबर से घर को लौटेंगे किसान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 09, 2021, 06:05 PM IST

फाइल फोटो

लगभग एक साल तक चले किसान आंदोलन को स्थगित करने का एलान आखिरकार गुरुवार को हो गया. एसकेएम नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी.

डीएनए हिंदी: तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद आखिरकार किसान आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान हो गया. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की ओर से आंदोलन खत्म होने की घोषणा की गयी. 11 दिसंबर से किसान दिल्ली से अपने घर लौटने लगेंगे. एसकेएम नेता बलबीर राजेवाल किसान आंदोलन स्थगित करने की घोषणा करते हुए काफी भावुक भी हो गए. उन्होंने इस आंदोलन को प्रदर्शनकारी किसानों की ऐतिहासिक जीत बताया. राकेश टिकैत ने भी इस मौके पर देशवासियों का समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया.

शहीद किसानों और जवानों के साथ: टिकैत
इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम इस आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के साथ हैं. देश के लिए शहीद होने वाले हर जवान के साथ हैं. हम लखीमपुर खीरी के लिए संघर्ष करते रहेंगे, एमएसपी पर हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

आंदोलन खत्म नहीं, स्थगित हुआ है
बलबीर राजेवाल ने आंदोलन खत्म करते हुए कहा, ''किसानों ने एक साल तक संघर्ष किया. यह जीत बहुत बड़ी जीत है. यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा और शांतिपूर्ण आंदोलन रहा. मैं इस मौके पर मीडिया और सोशल मीडिया को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने साल भर हमारे संघर्ष को दिखाया. 15 दिसंबर को एक बार फिर इसकी समीक्षा होगी. किसानों का यह संघर्ष लंबा है और आगे भी जारी रहेगा. सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली है. इसलिए, हम स्थगित कर रहे हैं.' किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि यह आंदोलन स्थगित हुआ है, खत्म नहीं.

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर को पीएम मोदी के पास 6 मांगों की चिट्ठी भेजी थी. उसके 2 हफ्ते बाद तक कोई जवाब नहीं आया. उसके बाद आज सुबह कृषि विभाग के सचिव की ओर से हमें चिट्ठी मिली है. उसकी मुख्य बात बता दूं: 

हमारे हजारों साथियों पर जो केस है उसे वापस लेने पर सरकार राजी है. यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्ण सहमति दी है. 

पराली पर कोई भी आपराधिक केस दर्ज नहीं होगा, इस पर भी सरकार से सहमति बन गई है. 

एमएसपी को लेकर सरकार से तय हुआ है कि जारी कीमत फिलहाल लागू रहेगी. 

परसों 11 तारीख को जश्न के बाद देश भर से किसान आंदोलन के मोर्चे हटा लिए जाएंगे. शुक्रवार को हमारे सीडीएस और जवानों की अंत्येष्टि है इसलिए, जश्न का दिन 1 दिन बाद का रखा गया है.

सिंघु बॉर्डर से टेंट उखड़ना शुरू
बुधवार की सुबह से ही सिंधु बॉर्डर से टेंट उखड़ने लगे थे. माना जा रहा था कि आज किसी भी वक्त आंदोलन खत्म करने का एलान हो जाएगा. दोपहर बाद एसकेएम और दूसरे किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका एलान भी कर दिया. 

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