Farmers Protest: सड़कों पर कील-कांटे, सीमेंट की बैरिकेडिंग, किसानों को रोकने के लिए पुलिस के कड़े इंतजाम

Written By रईश खान | Updated: Feb 11, 2024, 05:56 PM IST

kishan andolan

Farmers Delhi Chalo protest: हरियाणा सरकार 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली मार्च को सीमेंट बैरिकेड्स, लोहे की कीलों और भारी पुलिस तैनाती के साथ रोकने की तैयारी कर रही है.

पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के किसान 13 फरवरी को दिल्ली (Delhi Chalo March) कूच करेंगे. इसके चलते दिल्ली सहित अंबाला, जींद, फतेहाबाद और पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील कर दिया गया है. किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर कंटीली तारें, कांटे, लोहे और सीमेंट की बैरिकेडिंग कर दी है. हरियाणा सरकार (Haryana Government) इस मार्च को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित करने की तैयारी कर ली है. प्रमुख सड़कों पर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की जा रही है.  न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि कानूनों की वजह से किसानों ने ऐसा ही प्रदर्शन 2020 में शुरू किया था. सरकार अब नहीं चाहती है कि दोबारा इतने बड़े व्यापक विरोध प्रदर्शन की जमीन तैयार हो.

किसान अपनी कई मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बना रहे हैं. यही वजह है कि किसान मंगलवार को दिल्ली तक मार्च करने की योजना बना रहे हैं. 

- संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को भारत बंद बुलाया है.

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किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने उन्हें अपनी मांगों पर चर्चा के लिए 12 फरवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने के लिए 12 फरवरी को चंडीगढ़ पहुंचेंगे.

सीमेंट बैरिकेडिंग से रोके जाएंगे किसान
किसानों के 'चलो दिल्ली'अभियान को रोकने के लिए हरियाणा सरकार पूरी तरह से तैयार है. रूट डायवर्जन और सात स्तरीय सुरक्षा घेरा भी तैयार किया जाता है.

हरियाणा सरकार मजदूरों को लेकर सड़क पर पहुंची हैं और सड़कों पर लोहे की कीलें ठोकते मजदूर नजर आ रहे हैं. 

हरियाणा की पंजाब से लगती सभी सीमाओं को बड़े-बड़े सीमेंट के बैरिकेड और कंटीले तारों से सील कर दिया गया है.

हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी तैनात की गई हैं.

11 फरवरी को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी को रात 11.59 बजे तक सात जिलों अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी.

शंभू में हरियाणा-पंजाब सीमा अंबाला और दिल्ली की ओर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दी गई. इससे अंबाला की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है.

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किसानों को ट्रैक्टरों के माध्यम से राजमार्ग तक पहुंचने से रोकने के लिए घग्गर नदी के तल को भी खोद दिया गया है. किसान मार्च में भाग लेने के लिए अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां तैयार कर रहे हैं.

राजपुरा में किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने की तैयारी के तहत ट्रैक्टर मार्च निकाला. पुलिस ने कहा है कि अगर खराब स्थिति हुई तो डायल-112 पर जरूर करें.

क्यों दिल्ली चलो अभियान पर निकले किसान?
किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून चाहते हैं. इसके अलावा 200 से ज्यादा किसान संघ अलग-अलग मांग को लेकर 13 फरवरी को मार्च शुरू करने जा रहे हैं.

किसान नेताओं ने कहा था कि केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही दूसरे दौर की बैठक करेंगे, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि उनका प्रस्तावित 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रहेगा.

केंद्रीय मंत्रियों ने किसान मार्च से एक दिन पहले 12 मार्च को चंडीगढ़ में एक बैठक के लिए फार्म यूनियन नेताओं को आमंत्रित किया है. किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की अपील कर रहे हैं.

किसान, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग कर रहे हैं.

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