डीएनए हिंदी: सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन एक बार फिर उग्र हो गया है. हरियाणा में एक बार फिर किसान और सरकार आमने-सामने आ गए हैं. भारतीय किसान यूनियन के चढूनी ग्रुप ने सोमवार को दिल्ली अमृतसर रोड जाम कर दिया है. बता दें कि पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए भारी इंतजाम किए थे लेकिन सारी व्यवस्थाएं फेल हो गईं और दोनों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है.
दरअसल, किसानों ने सूरजमुखी की खरीद को लेकर शाहबाद में दिल्ली अमृतसर हाईवे को जाम कर दिया है. इसका असर अंबाला में भी देखने को मिल रहा है. अंबाला में दिल्ली अमृतसर हाईवे पर लंबी-लंबी वाहनों की लाइन लग गई है. इस मामले में ट्रैफिक SHO ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक्स्ट्रा पुलिस फोर्स मगाई गई है और हर चौक चौराहे पर पुलिस की तनाती की गई है.
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सूरजमुखी के MSP को लेकर बढ़ा बवाल
बता दें कि चंडीगढ़ में किसानों की सूरजमुखी को MSP पर खरीदने को लेकर और भावांतर योजना में ना बेचने को लेकर किसानों व अधिकारियों की शुक्रवार को मीटिंग हुई थी, लेकिन उसमें कोई समाधान ना निकलने के चलते किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने 6 जून को शाहबाद में जाम लगाने की चेतावनी दी थी. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के किसानों ने मंगलवार को जाम लगा दिया है.
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क्या है हरियाणा सरकार का फैसला
हरियाणा सरकार ने सूरजमुखी को भावांतर योजना में खरीदने का निर्णय लिया है, जिसमें ₹4800 भाव तय किया गया है और भावांतर योजना के तहत ₹1000 किसान को दिए जाएंगे. कुल ₹5800 किसान को प्रति किवंटल सूरजमुखी पर दिया जाएंगे लेकिन एमएसपी ₹6400 है जिस पर सरकार खरीद नहीं कर रही है.
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