Farmers Protest: किसानों का कैंडल मार्च आज, अब क्या क्या करेंगे प्रदर्शनकारी? 10 पॉइंट्स में जानिए

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Feb 24, 2024, 09:01 AM IST

दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत कर रहे हैं.

Farmers Protest: अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हजारों किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.

Farmers Protest: किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. किसानों ने दिल्ली चलो अभियान को 29 फरवरी तक के लिए टाल दिया है. किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर टेंट लगाकर डेरा डाले हुए हैं. जब तक केंद्र सरकार के साथ उनकी मांगों को लेकर आम सहमति नहीं बन जाएगी, वे हटेंगे नहीं.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शुक्रवार को कहा है कि किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत की गारंटी नहीं मिलेगी तो वे हटेंगे नहीं. संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा दोनों दल किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.


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हजारों किसानों ने पिछले सप्ताह 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर में रोक दिया. सुरक्षा बलों के साथ झड़प में एक किसान की मौत की वजह से विरोध प्रदर्शन और उग्र हो गया.

संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन से दूरी बनाई थी लेकिन अब यह संगठन भी नेतृत्व कर रहा है. आइए जानते हैं, किसान आंदोलन में अब तक हुआ क्या है.

1. आज किसान निकालेंगे कैंडल मार्च
किसान मजदूर मोर्चा ने कहा है कि 24 फरवरी को कैंडल मार्च निकाला जाएगा, 25 फरवरी को किसानों से जुड़े मुद्दों पर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, 26 फरवरी को विश्व व्यापार संगठन और केंद्र के पुतले जलाए जाएंगे और एसकेएम की कई बैठकें होंगी और केएमएम की बैठक अगले दो दिनों में होगी.


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2. किसानों ने जलाए कैबिनेट मंत्रियों के पुतले
किसानों ने अपने विरोध का विस्तार करने की मांग करते हुए शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के अन्य मंत्रियों के पुतले जलाए. शुक्रवार को विरोध स्थल पर खड़े ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों पर काले झंडे फहराए गए. कई प्रदर्शनकारियों ने भी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अपनी पगड़ी के ऊपर काला कपड़ा बांधा.

3. भगवंत मान ने उठाया अहम कदम
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान खनौरी बॉर्डर पर अपनी जान गंवाने वाले किसान शुभकरण सिंह की बहन को ₹1 करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. भगवंत मान ने शुभकरण सिंह की मौत पर शोक व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसान नेताओं ने सिंह के परिवार के लिए वित्तीय सहायता और नौकरी के साथ-साथ उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग की थी.

4. कब होगा शुभकरण का दाह संस्कार?
'दिल्ली चलो' आंदोलन में भाग लेने वाले किसान नेताओं ने कहा है कि शुभकरण सिंह का दाह संस्कार तब तक रुका हुआ है जब तक कि पंजाब सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर लेती.

 


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5. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
किसानों की मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. सिख चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रबंध निदेशक एग्नोस्टोस थियोस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा रोकने, बैरिकेड हटाने और स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए याचिका दायर की गई है.

6. हरियाणा सरकार ने वापस लिया ये फैसला
हरियाणा पुलिस ने कहा कि वह चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा रहे कुछ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों को लागू करने के अपने पहले के फैसले को वापस ले रही है.

7. कुछ लोगों की मौत पर तेज हुआ आंदोलन
कुछ किसानों की मौत हुई हुई है, जिसकी वजह से किसान संगठन नाराज हैं. विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है.

8. किसानों से जयंत चौधरी ने की ये अपील
राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से धैर्य रखने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि समाधान जरूर निकलेगा.

9. हरियाणा के मुख्यमंत्री को करना पड़ा ये ऐलान
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ फसल ऋणों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की घोषणा की. उन्होंने 2024-25 के लिए ₹1.89 लाख करोड़ के बजट में करों में बढ़ोतरी नहीं की. राज्य का बजट पेश करते हुए, सीएम खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं और 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है.

10. क्या है किसानों की मांग? पढ़ें एक-एक बात
किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी चाहते हैं. प्रदर्शनकारी किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाना चाहते हैं. किसानों की मांग है कि खेत मजदूरों के लिए पेंशन की व्यवस्था शुरू की जाए. बिजली की दरें न बढ़ाई जाएं, FIR वापस लिए जाएं. 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली की जाए और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले.

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