डीएनए हिंदी: लगभग एक साल से चल रहे किसान आंदोलनों (Kisan Andolan) के अंत का एलान बुधवार को हो सकता है. बताया जा रहा है कि सरकार ने किसानों की लगभग सभी मांगें मान ली हैं. आंदोलन खत्म होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक में सहमति बन सकती है.
अहम बैठक के बाद बनी बात
सरकार के साथ बातचीत के लिए 5 किसान नेताओं की नियुक्ति की गई थी. मंगलवार को इन सभी नेताओं की बातचीत सरकार से हुई. सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की लगभग सभी मांगें मान ली हैं. इसके बाद अंदरखाने से ऐसी खबरें हैं कि बुधवार को आंदोलन वापसी की घोषणा हो सकती है.
19 नवंबर को रद्द हुआ कृषि कानून
PM Modi ने 19 नवंबर को टीवी संबोधन के जरिए कृषि कानूनों के रद्द करने का एलान किया था. पीएम ने उस वक्त कहा था कि सरकार की यह विफलता है कि वह किसानों को कानून के फायदे नहीं समझा सकी.
इन 5 मांगों पर बन गई बात
किसानों की एमएसपी पर मांग को लेकर सरकार ने आश्वासन दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि खुद कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री ने कमिटी बनाने की घोषणा की है. इस कमिटी में किसान प्रतिनिधि भी होंगे.
किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लिए गए सभी केस हरियाणा और UP सरकार वापस लेगी.
मुआवजे को लेकर भी हरियाणा और यूपी सरकार ने अपनी ओर से सहमति दे दी है. पंजाब सरकार ने भी इस पर सहमति दे दी है.
इलेक्ट्रिसिटी बिल को संसद में पेश करने से पहले सभी स्टेकहोल्डरों की राय ली जाएगी. उनकी चिंताओं को समझा जाएगा.
पराली के मुद्दे पर भी सरकार ने किसानों की मांग मान ली गई है. कानून की धारा 14 और 5 के तहत आपराधिक जवाबदेही से किसानों को मुक्त किया जाएगा.