डीएनए हिंदी: इसे सियासत का असर कहिए या कुछ और, लेकिन विवादित बयानों के लिए चर्चित लोग भी अब अलग अंदाज में दिख रहे हैं. इसका नजारा बृहस्पतिवार को भी दिखाई दिया, जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने भगवान राम को सभी का भगवान बताया. अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम में कहा कि भगवान राम महज हिंदुओं के भगवान नहीं हैं, बल्कि वे सभी के भगवान हैं. उन्हें अल्लाह की तरफ से ही लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए भेजा गया है.
फारुक अब्दुल्ला ने कही ये बात
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने भगवान राम का जिक्र किया. ANI की तरफ से जारी वीडियो में अब्दुल्ला ने कहा, भगवान राम सिर्फ हिंदूओं के भगवान नहीं हैं. ये बात अपने दिमाग से निकालिए. भगवान राम हर एक के भगवान हैं. वे मुसलमान हों, ईसाई हों, अमेरिकन हों, रूसी हों, जो उन्हें मानने वाला हो. उन्होंने आगे कुरान की एक आयत पढ़ते हुए कहा, जैसे हम कहते हैं कि अल्लाह सिर्फ मुसलमानों का नहीं सबका रब है.
'इन्हें राम से नहीं हुकूमत से मोहब्बत है' कहकर साधा भाजपा पर निशाना
फारुक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के एक बुजुर्ग धर्मगुरु का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कुरान-ए-शरीफ के साथ एक तफसील लिखी है, जिसमें वे खुद जिक्र करते हैं. वे कहते हैं कि तुम लोग याद रखो, भगवान राम जो हैं, वो भी अल्लाह की तरफ से ही भेजे गए हैं, लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए. अब्दुल्ला ने आगे भाजपा का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा और कहा, ये जो आपके सामने आते हैं, हम ही राम के पुजारी हैं. बेवकूफ लोग हैं. ये राम को बेचना चाहते हैं. इन्हें राम से कोई मोहब्बत नहीं है. इन्हें हुकूमत से मोहब्बत है.
कश्मीर के हिंदू वोट बैंक की राजनीति या कुछ और?
इसे हिंदू वोट बैंक को लुभाने की राजनीति कहा जाए या कुछ और, लेकिन पिछले दिनों में कश्मीरी नेताओं की हिंदू धर्म में दिलचस्पी बढ़ी है. फारुक अब्दुल्ला से पहले पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती को भी एक मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए देखा गया था. इसे लेकर उन्हें बेहद आलोचना का सामना करना पड़ा था.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. वहां नए परिसीमन के तहत चुनाव हो रहा है, जिसमें जम्मू संभाग में विधानसभा सीटें बढ़ गई हैं. जम्मू संभाग को हिंदू बाहुल्य एरिया माना जाता है. ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल को राज्य में सरकार बनाने के लिए जम्मू संभाग में भी सीटें जीतनी पड़ेंगी. इसके लिए हिंदू वोट बैंक को लुभाने पर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हुई हैं.
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