लाल चंदन की तस्करी पर आधारित है फिल्म 'Pushpa', जानें क्यों है इसकी करोड़ों में कीमत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 25, 2022, 01:07 PM IST

सफेद और पीले चंदन से अलग लाल चंदन में कोई सुगंध नहीं होती है. हालांकि इसे बहुत गुणकारी माना जाता है.

डीएनए हिंदी: अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा : द राइज (Pushpa: The Rise) 2021 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी बन गई है. यह फिल्म शेषाचलम जंगल में पाए जाने वाले लाल चंदन की तस्करी पर आधारित है जो करोड़ों रूपये का बिकता है. फिल्म में एक मजदूर के करोड़पति बनने की कहानी को दिखाया गया है.

बता दें कि असल जिंदगी में भी यह चंदन काफी कीमती माना जाता है. साथ ही इसकी तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर 11 साल की जेल का प्रवधान है.

कहां पाया जाता है लाल चंदन?
लाल चंदन के पेड़ दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश की शेषाचलम पहाड़ियों (Seshachalam Forest) में पाए जाते हैं. ये पहाड़ियां तमिलनाडु की सीमा से लगने वाले आंध्र प्रदेश के चार जिलों नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में पड़ती हैं. इसके अलावा पूरी दुनिया में कहीं भी ऐसे लाल चंदन के पेड़ नहीं होते हैं. 

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कैसा होता है लाल चंदन?
लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम Pterocarpus Santalinus होता है. इसके अलावा इसे रक्तचंदन भी कहा जाता है. सफेद और पीले चंदन से अलग लाल चंदन में कोई सुगंध नहीं होती है. हालांकि इसे बहुत गुणकारी माना जाता है. 

कितनी है कीमत?
जानकारी के अनुसार, एक किलो लाल चंदन की कीमत 90 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक बताई जाती है. यानी एक क्विंटल की कीमत 9 करोड़ से लेकर 15 करोड़ रुपये तक हो जाती है. रक्त चंदन के पेड़ दुनियाभर के लिए दुर्लभ हैं. इसकी एक गठरी भी आपको मालामाल बनाने के लिए काफी है. यही कारण है कि इस बेशकीमती लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए इलाके में एसटीएफ के जवानों की तैनाती रहती है. जंगल पर सेटेलाइट से नजर रखी जाती है.

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किस काम आता है लाल चंदन?
इसकी एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी के कारण यह स्किन की देखभाल के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. लाल चंदन, पाउडर के रूप में भी बेचा जाता है लेकिन यह बिल्कुल बारीक पिसा नहीं होता. त्वचा की देखभाल के लिए इसके पाउडर का उपयोग किया जाता है. 

इसके अलावा लाल चंदन में दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं, इसमें घाव भरने के गुण होते हैं और यह छोटे घावों के उपचार के लिए काफी अच्छा माना जाता है. 

साथ ही इसका उपयोग कैंसर, घाव, पाचन तंत्र की समस्याओं से लड़ने में भी किया जाता है. हालांकि इन बीमारियों में लाल चंदन के असरदार होने को लेकर कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.

इस लकड़ी की सबसे ज्यादा मांग चीन में है. चीन के अलावा सिंगापुर, जापान, यूएई समेत कई देशों में इन लकड़ियों की हाई डिमांड होती है.

अल्लू अर्जुन पुष्पा : द राइज शेषाचलम पहाड़ियों आंध्र प्रदेश