डीएनए हिंदी: दो साल पहले 30 जनवरी के ही दिन भारत में कोविड संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. जानते हैं भारत की वह पहली कोविड मरीज से जुड़ी जानकारी और अब क्या है उसकी मांग-
केरल के त्रिशुर जिले की रहने वाली भारत की पहली कोविड मरीज अब अपने सपने को पूरा करने के लिए चीन वापस जाना चाहती है. दो साल पहले यह 20 वर्षीय छात्रा चीन के वुहान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. तभी कोविड ने दस्तक दी और सब कुछ बिगड़ गया.
30 जनवरी 2020 को कोविड टेस्ट आया पॉजिटिव
दो साल पहले आज ही के दिन यानी 30 जनवरी 2020 को इस मेडिकल छात्रा का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था. इस तरह वह भारत की पहली कोविड मरीज बनी. त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में करीब तीन हफ्ते इलाज के बाद 20 फरवरी को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था. दरअसल भारत की यह पहली कोविड मरीज चीन के वुहान विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी.
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दो सालों में ऑनलाइन की पढ़ाई
बीते दो सालों में दुनिया काफी बदल गई. इस दौरान ऑनलाइन क्लासेज के जरिए ही इस छात्रा ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की. अब वह MBBSएग्जाम भी पास कर चुकी है, मगर चीन के कानून के मुताबिक उसे डिग्री पूरी करने के लिए वहां जाना जरूरी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस छात्रा के पिता का कहना है, ' हमें लगता है कि अब कोविड से बचाव के तरीके अपनाकर आगे बढ़ा जा सकता है. मगर इस बीच मेरी बेटी का करियर काफी अनिश्चिताओं से गुजर चुका है. अब उसे कॉलेज वापस जाना है क्योंकि चीनी कानून के आधार पर किसी भी MBBS छात्र के लिए वहां रहकर 52 हफ्ते की इंटर्नशिप करना जरूरी होता है.डिग्री पाने के लिए ग्रेजुएशन के आखिरी साल में ऐसा करने का नियम है.
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पिता चाहते हैं भविष्य के लिए दखल दे सरकार
छात्रा के पिता ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि चीन से पढ़ाई कर रहे भारतीय मेडिकल छात्रों के भविष्य को देखते हुए वे चीनी अधिकारियों से इस बारे में बातचीत करें. छात्रा के पिता ने यह भी कहा कि वह समय काफी बुरा था जब वह वायरस इंसानियत पर हावी हो गया और उनकी बेटी को वुहान से वापस आना पड़ा. वह कोविड पॉजिटिव टेस्ट होने से एक हफ्ता पहले ही अपने घर वापस लौटी थीं. यह अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील होने से कुछ ही समय पहले की बात है. अब हम उस समय को याद भी नहीं करना चाहते और आगे बढ़ना चाहते हैं.
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