139 दिन में 2038 मौत, बिहार पहले और हिमाचल दूसरे नंबर पर, जानिए सरकार ने दी क्या जानकारी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 18, 2023, 10:34 PM IST

Himachal Rains: बादल फटने की घटनाएं बहुत ज्यादा हुई हैं, जिससे बहुत तबाही मची है.

Himachal Floods: गृह मंत्रालय ने देश में इस साल मानसून में आपदा से हुई मौत और अन्य नुकसान की जानकारी दी है. आपदाओं के कारण मरने वालों के अलावा 101 लोग लापता हैं.

डीएनए हिंदी: यदि आप हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश से हुई हालिया तबाही देखकर परेशान हैं तो बता दें कि यह इस मानसूनी सीजन में आपदाओं के कहर का महज ट्रेलर था. इस मानसूनी सीजन में पिछले 139 दिन के दौरान बाढ़, बिजली गिरने और लैंडस्लाइड होने के कारण 2,038 लोगों ने पूरे देश में अपनी जान गंवाई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी यह  आंकड़ा 1 अप्रैल 2023 से 17 अगस्त 2023 तक का है. इसके अभी और ज्यादा बढ़ने की संभावना है, क्योंकि बाढ़ और बारिश के कारण 101 लोग अब भी लापता हैं और 1,584 लोग घायल हुए हैं. देश में मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण सबसे ज्यादा 518 मौत बिहार में हुई हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश 330 लोगों की मौत के साथ दूसरे नंबर पर है.

सबसे ज्यादा मौत डूबने के कारण

भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने बताया है कि सबसे ज्यादा मौत बाढ़ के पानी में डूबने के कारण हुई है. बाढ़ के पानी में डूबने से कुल 892 लोग मरे हैं, जबकि 506 लोगों की मौत बिजली गिरने के कारण हुई है. लैंडस्लाइड से होने वाली मौतों का आंकड़ा 186 रहा है, जबकि 454 लोग मानसूनी बारिश से जुड़े अन्य कारणों के कारण मौत के शिकार हुए हैं. बिहार और हिमाचल के बाद सबसे ज्यादा 165 लोगों की मौत गुजरात में दर्ज हुई है, जहां इस दशक के सबसे खतरनाक चक्रवातों में से एक ने अपना कहर मानसून सीजन में बरपाया है. मध्य प्रदेश में 138, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 107-107, छत्तीसगढ़ में 90 और उत्तराखंड में 75 लोगों की मौत बारिश से जुड़ी आपदाओं के कारण हो चुकी है.

335 जिलों में रहा है आपदाओं का प्रभाव

देश में मानसून सीजन के दौरान ज्यादा बारिश, लैंडस्लाइड और बिजली गिरने की घटनाओं से 335 जिले प्रभावित रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 40 जिले अकेले मध्य प्रदेश में हैं. आपदा प्रभावित जिलों में से 30 असम में और 27 जिले उत्तर प्रदेश में हैं. पिछले दिनों भयानक तबाही से गुजरने वाले हिमाचल प्रदेश के 12 जिले और उत्तराखंड के 7 जिलों को अति प्रभावित की श्रेणी में रखा गया है. 

NDRF की 160 टीम चला रही रेस्क्यू ऑपरेशन

गृह मंत्रालय के मुताबिक, NDRF की कुल 160 टीम अलग-अलग राज्यों में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. इनमें से 17 टीम हिमाचल प्रदेश में तैनात की गई हैं, जबकि महाराष्ट्र में 14, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 12-12, असम और पश्चिम बंगाल में 10-10 तथा उत्तराखंड में नौ टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. 

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