Jaishankar on China and Pakistan: भारत ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की तरफ से शुरू किए गए विवाद का करारा जवाब दिया है. भारत ने कहा है कि चीन का अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने का दावा बेतुका और हास्यास्पद है. अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था और हमेशा रहेगा. साथ ही पाकिस्तान की तरफ से दोस्ती करने की इच्छा के संकेत देने पर उसे भी आतंकवाद की याद दिलाई है. भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के प्रयास में हम आतंकवाद को बढ़ावा दिए जाने को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.
'चीन के दावे हमेशा से हास्यास्पद हैं'
विदेश मंत्री एस. जयशंकर नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (ISAS) पहुंचे थे. वहां उनसे स्टूडेंट्स और अन्य लोगों ने उनकी किताब 'Why India Matters' को लेकर सवाल-जवाब किए हैं. इसी दौरान उनसे चीन के उन दावों को लेकर सवाल किया गया है, जिसमें चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है. जयशंकर ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'चीन के अरुणाचल प्रदेश को लेकर किए जाने वाले शुरुआत से ही हास्यास्पद थे. ये दावे आज भी हास्यास्पद बने हुए हैं. अरुणाचल पहले भी भारत का हिस्सा था और हमेशा भारत का ही हिस्सा रहेगा.'
'आतंकवाद के जरिए शासन करने वालों से कैसी दोस्ती?'
जयशंकर से एक सवाल में पाकिस्तान की नई सरकार की तरफ से जताई जा रही भारत के साथ दोस्ती की इच्छा को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई. जयशंकर ने साफ कहा, 'भारत फिलहाल आतंकियों को नजरअंदाज करने के मूड में नहीं है. पाकिस्तान में आतंकवाद अब इंडस्ट्री बन चुका है, जिसकी स्पॉन्सर पाकिस्तान सरकार होती है.' उन्होंने कहा, 'आतंकवाद को खुलेआम शासन करने के लिए यूज करने और इसे स्वीकार भी करने वाले पड़ोसी से आप कैसे निपटेंगे?'
'दरवाजे बंद नहीं, पर छूट भी नहीं देंगे'
जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की बात को पूरी तरह नकारा नहीं. उन्होंने कहा, 'कम से कम एक स्थिर और शांत पड़ोस हर देश चाहता है. लेकिन भारत सीमापार आतंकवाद को नजरअंदाज करने के पक्ष में नहीं है. उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, कैसी भी कठिन समस्या हो, लेकिन ऐसे देश को खुली छूट नहीं दे सकते.' उन्होंने कहा, 'भारत ने पाकिस्तान से बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए हैं, लेकिन वार्ता का केंद्र निष्पक्ष रूप से आतंकवाद के मुद्दे पर होना चाहिए.'
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