फिर क्रिकेट में 'भ्रष्टाचार' के फंदे में पूर्व कप्तान Mohammad Azharuddin, कांग्रेस नेता को ED का समन, जानें उनसे जुड़े 5 विवाद

कुलदीप पंवार | Updated:Oct 03, 2024, 04:30 PM IST

Mohammad Azharuddin (File Photo)

Mohammad Azharuddin Corruption Row: मोहम्मद अजहरुद्दीन क्रिकेट कप्तान के तौर पर भी मैच फिक्सिंग के आरोपों में फंस चुके हैं. इन आरोपों में उनका करियर बीच में ही खत्म हो गया था. हालांकि बाद में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था.

Mohammad Azharuddin Corruption Row: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के गले में एक बार फिर क्रिकेट में 'भ्रष्टाचार' का फंदा कसता दिखाई दे रहा है. मैच फिक्सिंग के आरोपों में क्रिकेट करियर बीच में ही खत्म होने पर राजनेता बने अजहरुद्दीन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोटिस भेजकर पेश होने का आदेश दिया है. अजहरुद्दीन पर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (Hyderabad Cricket Association) का अध्यक्ष रहने के दौरान फंड की हेराफेरी करने का आरोप लगा है. करीब 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोपों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में ईडी ने कांग्रेस नेता अजहरुद्दीन को पेश होने का समन भेजा है. 

छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर भेजा गया है समन

ईडी ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के अधिकारियों से जुड़े 9 ठिकानों पर पिछले साल तेलंगाना में छापेमारी की थी. इन अधिकारियों में जी. विनोद के अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिवलाल यादव और पूर्व भारतीय क्रिकेटर अरशद अयूब भी शामिल थे. इन सभी के आवास पर छापे मारे गए थे, जिनमें कई अहम दस्तावेज हाथ लगने का दावा ईडी ने किया है. इस छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर अजहरुद्दीन को पेशी के लिए समन भेजा गया है.

इस भ्रष्टाचार का है आरोप

हैदराबाद के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने HCA में अनियमितताओं को लेकर तीन FIR दर्ज की थी, जिनमें उप्पल स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के लिए फायर सिस्टम, डीजल जनरेटर और छतरियों की खरीद आदि में 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी भी शामिल है. इन FIR में खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे, इसमें अनियमितता का आरोप लगाया गया था, कार्यों के पूरा होने में देरी से एचसीए को हुए नुकसान का भी जिक्र है. आरोप है कि एचसीए पदाधिकारियों ने निजी वेंडर्स के साथ मिलीभगत कर बढ़ी हुए दरों पर टेंडर निकाले और काम पूरा हुए बिना ही भुगतान कर दिए गए. ACB की FIR के आधार पर ही ED भी धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA Act 2002) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज कर जांच कर रही है. इस घोटाले के दौरान अजहरुद्दीन ही HCA के अध्यक्ष थे. इस कारण ED ने उन्हें पहली बार पेश होने के लिए समन भेजा है.

आइए आपको बताते हैं अजहरुद्दीन इससे पहले कौन से 4 विवाद में फंस चुके हैं.

1. मैच फिक्सिंग के कारण खत्म हुआ करियर

मोहम्मद अजहरुद्दीन का करियर साल 1999 में उस समय अचानक 99 टेस्ट मैच के साथ खत्म हो गया था, जब उनके ऊपर मैच फिक्सिंग (Match Fixing in Cricket0 में शामिल होने का आरोप लगा था. अजहरुद्दीन का नाम दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनये Hansie Cronje) ने लिया था, जिन्होंने मैच फिक्सिंग (Match Fixing) में नाम शामिल पाए जाने के बाद सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार किया था. क्रोनये ने कहा था कि उन्हें मोहम्मद अजहरूद्दीन ने मैच फिक्स करने के लिए उकसाया था. हालांकि अजहर इसका विरोध करते रहे. उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा, जो आंध्र प्रदेश क्रिकेट बोर्ड ने साल 2012 में हटा दिया था.

2. पहली पत्नी छोड़कर फिल्म एक्ट्रेस से की शादी, फिर उसे भी छोड़ा

अजहरुद्दीन ने अपनी पहली पत्नी नौरीन को दो बच्चे होने के बाद अचानक तलाक दे दिया था. इसके बाद अजहरुद्दीन ने फिल्म एक्ट्रेस संगीता बिजलानी (Sangita Bijlani) के साथ निकाह किया था. बाद में अजहरुद्दीन का नाम ओलंपियन बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गुट्टा (Jwala Gutta) के साथ जोड़ा गया. इस अफेयर को दोनों में से किसी ने भी स्वीकार नहीं किया, लेकिन मीडिया में लगातार इसे लेकर आ रही खबरों के बीच अजहरुद्दीन और संगीता बिजलानी भी अलग हो गए.

3. दौरे के बीच से नवजोत सिद्धू को भेज दिया वापस

मोहम्मद अजहरुद्दीन का पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के साथ भी जबरदस्त विवाद हुआ था. भारत के लिए 51 टेस्ट मैच और 136 वनडे मैच खेलने वाले सिद्धू जबरदस्त हिटर थे. साल 1996 के इंग्लैंड दौरे पर उनकी और अजहर की तनातनी हो गई. इसके बाद टीम के कप्तान अजहरुद्दीन ने सिद्धू को जबरन वापस भारत भेज दिया था. हालांकि बाद में यह भी कहा गया कि दोनों की तनातनी के पीछे मैच फिक्सिंग ही कारण थी, लेकिन सिद्धू या अजहर ने आज तक सार्वजनिक रूप से ये बात स्वीकार नहीं की है.

4. सचिन तेंदुलकर को बताया बेकार कप्तान

मोहम्मद अजहरुद्दीन से कप्तानी छीनकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी थी. इसे अजहरुद्दीन ने कभी स्वीकार नहीं किया. बाद में उन्होंने सार्वजनिक रूप से सचिन तेंदुलकर को घटिया कप्तान कहा था, जिस पर 'क्रिकेट के भगवान' कहलाने वाले सचिन के फैंस भड़क गए थे और उन्होंने बवाल मचा दिया था.

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