Manish Verma: CM के कहते ही इस IAS अफसर ने छोड़ी कुर्सी, क्यों माना जा रहा है नीतिश कुमार का सियासी वारिस

Written By नितिन शर्मा | Updated: Jul 10, 2024, 11:41 AM IST

बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के एडवाइजर रहे पूर्व आईएएस अफसर ने नौकरी से इस्तीफा देकर जदयू ज्वाइंन कर ली है. माना जा रहा है कि यह अफसर नीतीश कुमार के सियासी वारिस हो सकते हैं.

Former IAS Manish Kumar Joined Jdu Party: बिहार की सियासी चर्चाओं में रहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वास्थ पिछले कुछ समय से नासाज चल रहा है. ऐसे में उनके सियासी वारिस को लेकर एक बार फिर से कयास लगाये जा रहे हैं. इन कयासों में इस बार नाम आईएएस अधिकारी मनीष कुमार है. मनीष कुमार ने मुख्यमंत्री के बहुत ही विश्वासपात्रों में से एक हैं. उन्होंने हाल ही में आईएएस से इस्तीफा देकर जेडीयू ज्वाइंन कर ली है. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब नीतीश कुमार के वारिस के रूप में ​पूर्व अधिकारी का नाम जोड़ा जा रहा हो, इससे पहले आईएएस से नेता बने आरसीपी सिंह को भी नीतीश कुमार का सियासी उत्‍तराधिकारी कहा जाता था, लेकिन आरसीपी सिंह ने 2022 में जदयू का दामन छोड़ दिया. इसके बाद ललन सिंह को नीतीश कुमार का खास मानते हुए राजनीतिक गलियारों में सियासी वारिस होने की चर्चा तेजी हुई, लेकिन इस पर भी विराम लग गया. वहीं अब सीएम नीतीश  कुमार के सियासी वारिसों में मनीष कुमार वर्मा का नाम आगे है. 

कौन हैं पूर्व आईएएस मनीष कुमार वर्मा

दिल्ली आईआईटी पास कर यूपीएससी के दूसरे प्रयास में मनीष सिंह सन 2000 में आईएएस अफसर बने. आईएएस अफसर के रूप में उन्हें ओडिशा कैडर मिला था. यहां उन्होंने 12 साल तक नौकरी की और पिता के स्वास्थ का हवाला देते हुए 2012 में अपने गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति पा ली. गृह राज्य में आते ही मनीष कुमार वर्मा पटना से लेकर पूर्णिया जैसे जिलों में जिलाधिकारी रहे. राज्‍य की बिजली कंपनियों का नेतृत्‍व किया और 2021 में उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्‍त हो गई. वापसी करने की जगह मीनष कुमार वर्मा ने वीआरएस ले लिया. इसी के बाद उन्हें बिहार आपदा प्रबंधन अथॉरिटी का सदस्य बनाया गया. 2022 में उन्हें सीएम का एडवाइजर बनाया गया. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार का खास बनते ही अब उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा देकर जीडीयू में शामिल हो गये. 

नीतीश कुमार के गृह जनपद से है गहरा नाता

पूर्व आईएएस मनीष कुमार वर्मा का नीततीश कुमार के गृह जनपद नालंदा से गहरा संबंध है. वह कुर्मी जाति से आते हैं. हालांकि मनीष वर्मा प्रोपर रूप से बिहारशरीफ से हैं. उनके पिता डॉ अशोक वर्मा बिहारशरीफ के बड़े डॉक्टर रहे हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा वहां के सरकारी स्‍कूल के बाद पटना में हुई. इसके बाद वह मनीष वर्मा ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया. यहां से उन्होंने इंडिया ऑयल कॉरपोरेशन में कुछ समय काम किया और फिर नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी की, यहां दूसरे प्रयास में ही मनीष कुमार वर्मा आईएएस अफसर बन गये थे. 

पार्टी में बड़ी भूमिका

मनीष कुमार वर्मा का जदयू में जोरदार स्वागत किया गया. उन्होंने पटना स्थित जदयू के मुख्यालय में पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद झा समेत कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी जदयू ज्वाइंन की. उनकी ज्वाइंनिंग पर राज्यसभा सांसद झा ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार से बाहर अपने आधार का विस्तार करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है और हमें विश्वास है कि मनीष वर्मा का समृद्ध प्रशासनिक अनुभव जदयू के लिए बहुत काम आएगा. हालांकि पार्टी की तरफ मनीष को क्या पद और जिम्मेदारी दी जाएगी. इसका खुलासा नहीं किया गया है. 

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