भारतीय नेवी के 8 पूर्व अफसरों को डेथ वारंट से बचाने में जुटा भारत, कतर में दाखिल की कानूनी अपील

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 09, 2023, 07:15 PM IST

Death Penalty Court Hammer

Ex Navy Officers Death Sentence Case: भारतीय नौसेना में बड़े पदों पर तैनात रह चुके 8 पूर्व अधिकारियों को पिछले महीने कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. सभी अफसरों पर जासूसी करने का आरोप लगा था.

डीएनए हिंदी: Latest News in Hindi- कतर में जासूसी करने के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को बचाने की कवायद शुरू हो गई है. भारत ने इस सजा के खिलाफ कतर की अदालत में कानूनी अपील दाखिल की है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी और बताया कि यह अपील कतर की अदालत की तरफ से सुनाए गए मौत की सजा के फैसले की विस्तृत स्टडी करने के बाद दाखिल की गई है. भारतीय नौसेना में बड़े पदों पर काम कर चुके 8 अफसरों को पिछले महीने मौत की सजा सुनाई गई थी. इन सभी पर इजरायल के लिए कतर में रहकर जासूसी करने का आरोप लगाया गया था, जिसे कतरी अदालत ने सही माना था.

विदेश मंत्रालय ने बताई है ये बात

भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, कतरी अदालत का फैसला गोपनीय था. यह पहला मौका है, जब वहां की किसी अदालत ने अपना विस्तृत फैसला हमारी लीगल टीम के साथ साझा किया है. इस फैसले की विस्तृत स्टडी करने के बाद सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हमने एक अपील फाइल की है. हम अपने पूर्व अफसरों के केस को लेकर लगातार कतरी अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं. 

अपील है कि महज अंदाजा ना लगाएं

विदेश मंत्रालय ने आगे बताया कि हमें 7 नवंबर को एक बार फिर 8 भारतीयों को राजनयिक सहायता देने का मौका मिला था, जिसमें उनका हालचाल पता चला है. हम उनके परिवारों के साथ संपर्क में बने हुए हैं. हम उन्हें सभी तरह की राजनयिक और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. विदेश मंत्रालय ने साथ ही कहा कि हम सभी से अपील करते हैं कि यह मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए किसी भी तरह का अंदाजा लगाने में शामिल ना हों. 

क्या था पूरा मामला

कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को अगस्त, 2022 में गिरफ्तार किया गया था. ये सभी कतर में एक निजी कंपनी के लिए काम कर रहे थे, जो कतर की सेना की ट्रेनिंग से भी जुड़ी हुई है. इन सभी अधिकारियों पर कतर में इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. इन अधिकारियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुणाकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश शामिल हैं. इन सभी को दोहा में कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ने 30 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया था.

13 महीने तक चलती रही कानूनी प्रक्रिया

इन अधिकारियों के खिलाफ कतर में करीब 13 महीने तक कानूनी प्रक्रिया चलती रही. इन अधिकारियों की तरफ से कई बार जमानत याचिका दाखिल की गई, जिसे हर बार खारिज कर दिया गया. इसके बाद कोर्ट ने अक्टूबर में पहली ही बार में इन सभी को मौत की सजा देने का फैसला सुना दिया. भारत ने इस फैसले पर अचरज जताते हुए कहा था कि वह इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा.

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