Pandit Sukh Ram Died: हिमाचल की राजनीति के धुरी थे सुखराम, ऐसा रहा है सियासी सफर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 11, 2022, 09:14 AM IST

पंडित सुखराम शर्मा. (फाइल फोटो)

कांग्रेस पार्टी सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम (Pandit Sukh Ram) का निधन हो गया है. उनकी उम्र 94 साल की थी. वह बीते 4 दिनों से नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. हिमाचल में कांग्रेस के नेता और सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने मंगलवार रात सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी.

हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सुखराम शर्मा बेहद कद्दावर नेता रहे हैं. एक वक्त में सूबे की राजनीति उनके इर्द-गिर्द घूमती थी. सुखराम ने पांच बार विधानसभा चुनाव और तीन बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. 2011 में उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. यह मामला 1996 का था  जब वे संचार मंत्री थे. सुखराम के बेटे अनिल शर्मा मंडी से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हैं.

Pandit Sukh Ram Died: नहीं रहे कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम, AIIMS में ली अंतिम सांस
 
किसानों के लिए जर्मनी से लेकर आए थे गाय

सुखराम 1963 से लेकर 1984 तक हिमाचल प्रदेश की मंडी विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. अपने कार्यकाल में वह हिमाचल प्रदेश के पशु मंत्री रहे हैं. वह जर्मनी से गाय लेकर आए थे. उनका मकसद था कि इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को वित्तीय मदद मिलेगी. साल 1984 में वह पहली बार राजीव गांधी सरकार में जूनियर मिनिस्टर बने थे.

सुखराम ने डिफेंस प्रोडक्शन एंड सप्लाई प्लानिंग और फूड एंड सिविल सप्लाई का कार्यभार संभाला था. सुखराम ने संचार विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का भी कार्यभआर संभाला है. 1993 से लेकर 1996 तक उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी. 

भ्रष्टाचार के आरोप में थे शामिल

सुखराम ने साल 1996 में मंडी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन उन्हें और उनके बेटे को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था. टेलीकॉम स्कैम में दोनों का नाम सामने आया था. उन्होंने फिर हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी की नींव रखी और बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हो गए.

हिमाचल: AAP के प्रदेश अध्यक्ष ही हुए बीजेपी में शामिल, चुनाव से पहले केजरीवाल को लगा बड़ा झटका

1998 में सुखराम ने मंडी सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज की. उनके बेटे अनिल शर्मा 1998 में राज्यसभा भेजे गए थे. 2003 के विधानसभा चुनाव में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए. अनिल शर्मा ने भी साल 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.

दल-बदलकर बीजेपी में हुए थे शामिल

2017 के विधानसभा चुनावों के पहले सुखराम बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनके बेटे और पोते भी शामिल हो गए थे. सुखराम और आश्चर्य शर्मा ने एक बार फिर कांग्रेस की राह पकड़ ली. यह 2019 के लोकसभा चुनावों के ठीक पहले उन्होंने फैसला किया. हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली. सुखराम का जन्म 27 जुलाई 1927 को हुआ था. उनके पोते आयुष शर्मा बॉलीवुड के एक्टर हैं और सुपरस्टार सलमान खान के बहनोई हैं.

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.