Kashmir G20: ये है नया कश्मीर, 17 देशों की मौजूदगी में बैठक शुरू, ना कोई हड़ताल और ना प्रदर्शन

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 22, 2023, 05:00 PM IST

Srinagar G20 Meeting

Sign Of New Kashmir: पाकिस्तान के विरोध को मिले चीन के साथ का आयोजन पर कोई असर नहीं दिखा है. इतने बड़े आयोजन के लिए श्रीनगर पहुंचे विदेशी मेहमान माहौल देखकर बेहद खुश हैं.

डीएनए हिंदी: Jammu and Kashmir News- जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में सोमवार दोपहर 3 बजे तय कार्यक्रम के हिसाब से जी20 देशों के वर्किंग टूरिज्म ग्रुप की तीसरी मीटिंग शुरू हो चुकी है. समारोह में 17 देशों के मेहमान शामिल हो रहे हैं, जिनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, स्पेन, सिंगापुर और मॉरीशस आदि शामिल हैं. इस मीटिंग के लिए श्रीनगर पहुंचे विदेशी मेहमानों को उस 'नए कश्मीर' की झलक दिखाई दी है, जो अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद के माहौल में तैयार हुआ है. कश्मीर की अवाम को भी इस आयोजन से उनके राज्य को मिलने वाले लाभ की अहमियत मालूम है. इसी कारण पहली बार सरकारी आयोजन होने के बावजूद इसके खिलाफ ना किसी संगठन ने हड़ताल की घोषणा की है और ना ही कहीं कोई प्रदर्शन हुआ है. यहां तक कि किसी तरह का कर्फ्यू लगाने की भी नौबत नहीं आई है. 

पाकिस्तान की खुली पोल, चीन को भी मिला करारा जवाब

इससे विदेशी मेहमानों के सामने उस पाकिस्तानी दुष्प्रचार की पोल खुल गई है, जो पड़ोसी मुल्क इस बैठक के आयोजन की घोषणा के बाद से ही पूरी दुनिया में करता घूम रहा है. साथ ही पाकिस्तान का साथ देते हुए जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताकर बैठक का बहिष्कार करने वाले चीन, सऊदी अरब और तुर्की को भी करारा जवाब मिल गया है. 

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अनुच्छेद-370 हटने के बाद पहला बड़ा आयोजन

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 को निरस्त करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दया था. साथ ही राज्य का विभाजन कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश में तब्दील कर दिया था. इसके बाद राज्य में यह पहला बड़ा सरकारी आयोजन था, जिसमें न केवल पूरी दुनिया शामिल हो रही है बल्कि जो देश यहां नहीं हैं, उनकी भी निगाहें लगी हुई है. इस आयोजन के लिए श्रीनगर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पहली बार कश्मीर बदला दिखाई दिया है. आयोजन के विरोध वाले पोस्टरों की बजाय जगह-जगह विदेशी मेहमानों के स्वागत वाले पोस्टर और बैनर लगे दिखाई दिए हैं. कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के पीक पर पहुंचने के बाद यह पहला मौका है, जब हड़ताल और प्रदर्शन के बजाय खुशनुमा माहौल के बीच कोई सरकारी आयोजन हो रहा है.

परंपरागत टीका स्वागत से अभिभूत दिखे विदेशी मेहमान

इस बैठक में भाग लेने के लिए दुनिया की 85% जीडीपी संभालने वाले 20 देशों में से 17 के प्रतिनिधि श्रीनगर पहुंचे हैं. करीब 60 डेलीगेट्स सभी देशों की तरफ से आए दलों में शामिल हैं. इन सभी का श्रीनगर पहुंचने के बाद परंपरागत तरीके से टीका लगाकर स्वागत किया गया, जिससे वे बेहद अभिभूत दिखाई दिए. इसके लिए श्रीनगर एयरपोर्ट पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और जी20 शेरपा अमिताभ कांत खुद मौजूद रहे. इस दौरान एयरपोर्ट पर स्थानीय कलाकारों ने जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को भी पारंपरिक लोक नृत्यों के जरिये विदेशी मेहमानों के सामने पेश किया, जो उन्हें बेहद भाया.

NSG से MARCOS तक की कड़ी निगरानी में है श्रीनगर

तीन दिन लंबे इस इवेंट के लिए श्रीनगर में सुरक्षा को लेकर भारतीय प्रशासन कोई लापरवाह नहीं बरत रहा है. सुरक्षा के लिए तीन लेयर का सुरक्षा ग्रिड तैयार किया गया है. वेन्यू के चारों तरफ नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और MARCOS कमांडोज को तैनात किया गया है, जबकि शहर में जगह-जगह कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के जवान तैनात हैं. इसके अलावा भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के जवान भी तैनात किए गए हैं. साथ ही ड्रोन से भी मॉनीटरिंग की जा रही है.

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