Ghaziabad Prisoner Suicide: गाजियाबाद की डासना जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच एक बंदी ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया है. मृतक बंदी शिवम बुलंदशहर जिले का रहने वाला था. उस पर नाबालिग लड़की के साथ रेप करने का आरोप था. उसे Pocso Act के तहत हापुड़ जिले के पिलखुआ थाने में दर्ज केस में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने 14 दिन पहले ही उसे जेल भेजा था. मृतक बंदी के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मौत की जांच शुरू कर दी है. उधर, मृतक के परिजनों ने डासना जेल प्रशासन और छिजारसी चौकी इंचार्ज पर मृतक का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि इससे परेशान होकर ही शिवम ने सुसाइड जैसा कदम उठाया है.
10 सितंबर को जेल में आया था शिवम
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके के रवानगी कटरी निवासी शिवम पर पोक्सो एक्ट के तहत पिलखुआ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस आरोप में हापुड़ पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया था, जहां 10 सितंबर को उसे डासना जिला कारागार भेज दिया गया था. जेल में बुधवार को शिवम का शव लाइब्रेरी में बिजली के तार से बनाए फंदे पर लटका मिला. सूचना मिलते ही गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) की टीम मौके पर पहुंच गई और शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
'जेल अधिकारी मांग रहे थे गिनती कटवाने के लिए रिश्वत'
मृतक शिवम के परिजनों को जब उसकी मौत की जानकारी मिली तो वे भी जेल पहुंच गए. उन्होंने जेल प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं, जिससे शिवम की मौत संदेह के घेरे में घिर गई है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि जेल में गिनती कटवाने के नाम पर शिवम से 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. उन्होंने रिश्वत दे दी, लेकिन गिनती नहीं काटी गई. इसके अलावा उन्होंने पिलखुवा थाना इंचार्ज और छिजारसी चौकी प्रभारी पर भी शिवम का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि थाना इंचार्च और चौकी प्रभारी समझौता कराने के एवज में मोटा पैसा मांग रहे थे. पैसा नहीं देने के कारण समझौता नहीं कराया गया. इससे शिवम बेहद परेशान था. उन्होंने शिवम की मौत के लिए इन सभी को जिम्मेदार ठहराया है. गाजियाबाद पुलिस के एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने कहा कि सभी आरोपों की जांच की जा रही है. दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
जेल में मौत से उठे ये सवाल
- डासना जेल को हाई सिक्योरिटी वाली माना जाता है. वहां कई आतंकवादी तक रखे गए हैं. ऐसी जेल में कोई बंदी बिना किसी की जानकारी में आए सुसाइड कैसे कर सकता है?
- पुलिस या जेल प्रशासन ने मृतक के पास किसी भी तरह का सुसाइड नोट मिलने की बात सार्वजनिक नहीं की है. यदि कोई नोट मिला है तो उसमें लिखी बात क्यों छिपाई जा रही है?
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