डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को उत्साहित करने के लिए ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक विजेताओं की नियुक्ति करने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य के 9 विभागों में 24 पदों पर पदक विजेता खिलाड़ियों को नियुक्ति देने का फैसला किया हैं. मंत्रिपरिषद ने 23 मई से यूपी विधानमंडल का सत्र आयोजित करने को भी अपनी सहमति दे दी है.
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यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी ऐसे खिलाड़ी जो अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीते हैं, उन्हें प्रदेश के नौ विभागों में 24 पदों पर राजपत्रित पदों पर तैनात किया जाएगा.
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सुरेश खन्ना ने कहा कि इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति इन खिलाड़ियों का चयन करेंगी. इससे राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने में मदद मिलेगी. मंत्री ने कहा कि जिन नौ विभागों में इन खिलाड़ियों की नियुक्ति होगी, उनमें ग्रामीण विकास, माध्यमिक शिक्षा, बुनियादी शिक्षा, गृह विभाग, पंचायती राज विभाग, युवा कल्याण विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग और राजस्व विभाग शामिल हैं.
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उन्होंने कहा कि पदक विजेता, जो यूपी के निवासी हैं और ओलंपिक, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व कप में पदक जीते हैं, वे इसके लिए पात्र हैं. इस अवसर पर खेल और युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव ने सरकार के इस कदम को "ऐतिहासिक" करार देते हुए कहा, "इससे राज्य में खेलों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और खिलाड़ियों को बढ़ावा मिलेगा."
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पदक विजेता पैरालंपिक खेलों को भी इसके अंतर्गत शामिल किया गया है. इसी तरह की योजना वर्तमान में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार के अन्य राज्यों में लागू है. निर्णय के संबंध में समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर गिरीश चंद्र यादव ने कहा, "इस (घोषणा) के लिए चुनी गई समय सीमा एक सितंबर, 2020 है."
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