'अगर हिम्मत है तो सड़क पर मेरे ऊपर हमला करो', राज्यपाल ने पिनाराई सरकार को दी चुनौती

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 07, 2022, 10:55 AM IST

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सीएम पिनाराई विजयन

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मैं सरकार को बहस के लिए खुली चुनौती देता हूं लेकिन मार्च करना सही नहीं है. CPIM ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

डीएनए हिंदी: केरल की पिनाराई विजयन सरकार (Pinarayi Vijayan Goverment) और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. CPIM ऐलान किया है कि वह 15 नवंबर को राज्यपाल के फैसलों के खिलाफ राजभवन तक मार्च करेगी. जिसको लेकर आरिफ मोहम्मद ने सोमवार को सीपीआईएम के नेताओं को चेतावनी दी है कि अगर आप में हिम्मत है तो राजभवन में घुसकर बताएं. उन्होंने कहा कि सरकार को बहस के लिए खुली चुनौती देता हूं लेकिन यह मार्च करना सही नहीं है.

राज्यपाल ने कहा, 'राज्य सरकार संवैधानिक तंत्र को खत्म करना चाहती है.  मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि वह आगे बढ़े और सड़कों पर समस्याएं पैदा न करें. अगर ऐसा करना है तो राजभवन में घुसकर बताओ, अगर आप में हिम्मत है तो या सड़क पर मुझ पर हमला करके बताओ. सीएम का कहना है कि वह नहीं जानते कि मैं कौन हूं लेकिन मैं जानता हूं कि वह कौन हैं.'

CPIM ने दी 15 नवंबर मार्च करने की चेतावनी
बता दें कि पिनाराई विजयन सरकार का आरोप है कि राज्यपाल खान के हस्तक्षेप ने कई विश्वविद्यालयों के कामकाज को प्रभावित किया है और प्रमुख विधेयकों पर हस्ताक्षर करने में उनकी देरी ने राज्य में एक प्रशासनिक शून्य पैदा कर दिया है. इस मामले में CPIM ने 15 नवंबर को राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन करने का प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. सीपीआईएम के राज्य सचिव गोविंदन मास्टर ने कहा कि सीपीआईएम समेत लेफ्ट पार्टियां राजभवन तक मार्च करेंगी.

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BJP के इशारे पर काम करे राज्यपाल
विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक समेत कुछ विधेयकों को आरिफ मोहम्मद खान की ओर से लटकाये जाने के संबंध में गोविंदन ने कहा कि राज्यपाल कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसकी कानून के तहत अनुमति नहीं है. उन्होंने कहा कि कई अदालतों ने फैसला दिया है कि राज्यपाल अनिश्चित काल के लिए विधेयकों को अपने पास नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यपाल का इस्तेमाल करके राज्य में कल्याणकारी योजनाओं पर अमल को बाधित करने और उच्च शिक्षा को तबाह करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि बीजेपी हर चीज को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है.

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