वर्क फ्रॉम होम : सरकार बना रही है कानून, तय होंगे ये नियम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 07, 2021, 11:20 AM IST

Work from home

कोरोना महामारी ने वर्क फ्रॉम होम को ना सिर्फ समय की जरूरत बल्कि काम का एक नया तरीका बना दिया है. अब सरकार उसे लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रही है. 

डीएनए हिंदीः  भारत सरकार जल्द ही वर्क फ्रॉम होम को लेकर कंपनी और कर्मचारी दोनों की जिम्मेदारी तय करने वाला मसौदा पेश करने वाली है. इसमें तय किया जाएगा कि कंपनी की वर्क फ्रॉम होम करने वाले अपने कर्मचारी के प्रति क्या जिम्मेदारियां हैं. इसमें काम के घंटे तय करना, इंटरनेट और इलेक्ट्रिसिटी जैसे अतिरिक्त खर्चों का भुगतान करना इत्यादि शामिल होगा. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में वर्क फ्रॉम होम एक अहम जरूरत बन जाएगा. इसे लेकर सरकार काफी गंभीर है. इससे जुड़े नियम और कानूनों को लेकर सरकार पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है. 

वर्क फ्रॉम होम के लिए फ्रेमवर्क
ज्यादातर कर्मचारी अब भी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. हालांकि इसे लेकर कर्मचारियों की ये शिकायत भी रहती है कि उनसे काम के घंटों के अतिरिक्त काम लिया जाता है. इंटरनेट पर होने वाला खर्च भी उन्हें कंपनी की तरफ से नहीं दिया जाता. घर पर होने की वजह से कभी भी उन्हें फोन या मैसेज करके काम करवाने की कोशिश की जाती है. इन सब मामलों को देखते हुए अब सरकार वर्क फ्रॉम होम का एक पुख्ता फ्रेमवर्क तैयार करने वाली है. 

ये नियम हो सकते हैं तय
रिपोर्ट की मानें तो वर्क फ्रॉम होम के इस मसौदे में काम करने के घंटे, बिजली का खर्च, इंटरनेट का खर्च जैसे नियम तय किए जाएंगे. इन तय किए गए नियमों का पालन ना होने पर सख्ती और सजा का भी प्रावधान होगा. 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में एक स्थाई आदेश के माध्यम से सर्विस सेक्टर के लिए वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप दिया था, जिससे कंपनी और कर्मचारियों को काम के घंटे और अन्य शर्तों पर पारस्परिक रूप से फैसले लेने की अनुमति मिली थी. हालांकि सरकार के इस कदम को एक संकेत के रूप में देखा गया था क्योंकि सर्विस सेक्टर जिसमें बड़े पैमाने पर IT और ITeS शामिल हैं, पहले से ही विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम किया हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते अब वर्क फ्रॉम होम को फ्यूचर ऑफ वर्क माना जा रहा है. इस फ्यूचर ऑफ वर्क का आकार-प्रकार तय करने के लिए एक कंसलटेंसी फर्म की मदद ली जा रही है ताकि किसी का शोषण ना हो. केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में सर्विस सेक्टर के लिए वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप दिया था. हालांकि सर्विस सेक्टर में खासतौर पर शामिल आईटी कंपनियों में पहले से ही विशेष परिस्थितियों में वर्क फ्रॉम होम की सुविधा लागू की हुई है. 

पुर्तगाल बना उदाहरण
कुछ ही समय पहले पुर्तगाल से एक खबर आई थी. इसके मुताबिक काम के तय घंटों के बाद वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोगों को उनके बॉस  डिस्टर्ब नहीं कर सकते. वर्क फ्रॉम होम की तय शिफ्ट के बाद यदि बॉस द्वारा उसके कर्मचारी को फोन या मैसेज किया जाता है तो उस पर सख्त कार्यवाही करने का नियम बनाया गया है. पुर्तगाल में तय की गई श्रम नियमों की इस नई रूपरेखा से कर्मचारियों के शोषण को रोकने में मदद मिली है.

 

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