डीएनए हिंदी: ग्रेटर नोएडा का पहला C&D वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट इकोटेक II में 11 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि अगले डेढ़ साल में प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा. अब तक शहर के 35 से अधिक स्थानों से 2000 टन से अधिक मलबा उठा लिया गया है और इकोटेक पहुंचाया जा चुका है.
परिचालन अधिकारी ने कहा, इस संयंत्र के मलबे को टाइल बनाने के लिए इस्तोमाल किया जाएगा जिसका उपयोग आगे के निर्माण कार्य को लिए किया जा सकता है.
C&D वेस्ट प्लांट बनाना जरूरी है - GNIDA’s CEO
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा, "तेजी से विकसित हो रहे ग्रेटर नोएडा में कचरा बड़ी मात्रा में निकल रहा है और इसके लिए C&D वेस्ट प्लांट बनाना जरूरी है." इस संयंत्र के निर्माण से मलबे को पूरी तरह से संसाधित किया जाएगा जिससे ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी"
सख्ती के साथ किया जा रहा है कार्य
बुधवार को समीक्षा बैठक के दौरान भूषण ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निर्माण का मलबा संग्रहण केंद्रों में ही डाला जाए. वह आगे कहते हैं, "यदि कोई व्यक्ति सीएसडी कचरे को उस स्थान पर डंप करते हुए पकड़ा जाता है, जहां से मलबा पहले ही उठाया जा चुका है तो अपराधी पर जुर्माना लगाया जाएगा."
ग्रेटर नोएडा में निर्माण का मलबा उठाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9315906083 भी जारी किया गया है. इसके अलावा इस नंबर का उपयोग शहर में मलबे के डंपिंग की रिपोर्ट करने के लिए भी किया जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि इस प्लांट का काम पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था.
100% मलबे का उपयोग होगा
राइज इलेवन के निदेशक मनोज सवेना ने कहा, "हम 100% मलबे का उपयोग करने जा रहे हैं और उन्हें इंटरलॉकिंग टाइल, कंकड़ और ब्लॉक में परिवर्तित कर रहे हैं. वे खुले बाजार में उपलब्ध होंगे और सरकारी परियोजनाओं के लिए भी उपयोग किए जाएंगे.” संयंत्र में प्रति दिन 100 टन मलबे को संसाधित करने की क्षमता होगी.