गुजरात में दरगाह हटाने के नोटिस पर हो गया बवाल, उपद्रवियों ने पुलिस पर बोला हमला और जमकर की तोड़फोड़

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 17, 2023, 11:02 AM IST

Gujarat Violence 

Gujarat News: दरगाह हटाने को लेकर प्रशासन द्वारा नोटिस चिपकाया गया था लेकिन इसे देख जनता भड़क गई और गुस्सा हिंसा में बदल गया.

डीएनए हिंदी: शुक्रवार देर रात गुजरात के जूनागढ़ में एक दरगाह को लेकर बड़ा बवाल हो गया और बात इतनी आगे बढ़ गई कि लोगों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया. भीड़ ने द्वारा पुलिस पर हुए इस हमले में डीएसपी समेत 4 पुलिस वाले घायल हुए हैं. इसके अलावा उपद्रवियों ने मजेवड़ी चौक स्थित पुलिस चौकी में खड़े कई वाहनों में तोड़फोड़ के साथ ही आग भी लगा दी. लोग दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन द्वारा भेजे गए दरगाह हटाने के नोटिस गुस्से से भड़के हुए थे.

शुक्रवार शाम सात बजे से ही लोग इकठ्ठा होना शुरू हो गए थे और नौ बजे 200- 300 लोग पहुंच गए और दरगाह के चारों तरफ इकठ्ठा हो हुए. जब पुलिस ने उनको इस जगह से  हटाने की कोशिश की तो पत्थर फेंकने लगे और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. हमले में एक डिप्टी एसपी और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं और पुलिस पूरे शहर में चप्पे-चप्पे की जांच कर रही है.

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क्या था प्रशासन का नोटिस

दरअसल, जूनागढ़ में मजेवड़ी गेट के सामने रास्ते के बीचोबीच एक दरगाह बनी है. इसे हटाने के लिए महानगरपालिका की ओर से सीनियर टाउन प्लानर ने एक नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में लिखा गया कि ये धार्मिक स्थल अवैध तरीके से बनाया गया है.  पांच दिनों के अंदर ये धार्मिक स्थल के कानूनी तौर पर सही होने के सबूत पेश किए जाए वरना ये धार्मिक स्थल तोड़ा जाएगा और इसका खर्च आपको देना होगा.

पुलिस पर ही बोल दिया हमला

बता दें कि दरगाह के डिमोलेशन का नोटिस लगाने महानगरपालिका के अधिकारी पहुंचे थे. नोटिस पढ़ते ही असमाजिक तत्व इकठ्ठा हो गए और नारे लगाने लगे. पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो हमलावर हो गए और पुलिस के साथ ही हिंसा शुरू कर दी.

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जानकारी के मुताबिक जूनागढ़ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा नोटिस में जो बातें कहीं गई उसमें कहा गया कि आपको एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि सतर्कता के तहत माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार कोई धार्मिक दबाव ना डाला जाए और जूनागढ़ नगर निगम सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थल पर अवैध रूप से धार्मिक दबाव डाला गया है. जिसके संबंध में आपको सूचित किया जाता है कि आधिकारिक आधार प्रमाण/स्वामित्व प्रमाण यहां दिनांक-5 पर प्रस्तुत करें.

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प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी कर कहा गया था कि अगले पांच दिनों के अंदर इस धार्मिक स्थल के कानूनी तौर पर सही होने के सबूत पेश किए जाएं वरना ये धार्मिक स्थल तोड़ा जाएगा और इसका खर्च आपको वहन करना रहेगा. इस नोटिस को पढ़ते ही कुछ असमाजिक तत्व इकठ्ठा हुए और पुलिस पर हमला कर दिया था. 

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