Gyanvapi Controversy: अखिलेश यादव बोले- कभी अंधेरे में मूर्तिंयां रख दी थी, बीजेपी कुछ भी कर सकती है

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 19, 2022, 08:44 AM IST

अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी पर दिया बयान

Gyanvapi Survey Report: बीजेपी पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा है महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए यह बीजेपी की साजिश है.

डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) पर जारी विवाद के बीच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयान ने सनसनी मचा दी है. समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी कुछ भी करा सकती है. अखिलेश यादव ने बाबरी विवाद और ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Masjid Controversy) को लिंक करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था जब अंधेरे में कुछ मूर्तियां रख दी गई थीं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है. 

बुधवार को आजमगढ़ पहुंचे अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को बीजेपी की साजिश बताया. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे हिंदू धर्म में यह है कि एक लाल झंडा लगा दो और पीपल के पेड़ के नीचे एक पत्थर रख दो तो मंदिर बन जाता है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के लोग हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत पैदा करते हैं, ताकि लोग इसी सब में उलझे रहें.

यह भी पढ़ें- Gyanvapi Masjid Survey: आज कोर्ट में पेश होगी ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट, इन याचिकाओं पर भी सुनवाई

बीजेपी पर आरोप- मुद्दों से भटकाने के लिए हिंदू-मुस्लिम विवाद
बाबरी विवाद और ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Controversy) को बीजेपी की साजिश बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं. बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है.' एसपी चीफ ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ऐसा कर रही है. 

यह भी पढ़ेंः Places of worship act का क्या है सेक्शन-4 जिससे ज्ञानवापी और मथुरा को मिल सकती है राहत?

आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि वजूखाने में दिख रही संरचना असल में एक शिवलिंग है. वहीं, अंजुमन इंतजामिया कमेटी का दावा है कि वह शिवलिंग नहीं एक फव्वारा है. इस मामले में सर्वे की रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट में पेश की जाएगी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.