डीएनए हिंदी: AIMIM Chief On Gyanvapi Verdict- ज्ञानवापी मस्जिद केस में बुधवार को हिंदुओं को एक हिस्से में पूजा करने की इजाजत मिलने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं. ओवैसी ने बेतुका और भड़काऊ बयान देते हुए इसे अयोध्या राम मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद के विध्वंस से जोड़ने की कोशिश की है. ओवैसी ने कहा है कि हां, देश में 6 दिसंबर दोबारा हो सकता है. क्यों नहीं हो सकता. दरअसल ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई कर रही वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष को व्यास जी के तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है.
पूजा की इजाजत देने को बताया गलत
ओवैसी ने व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत देने को गलत फैसला बताया है. उन्होंने कहा, कोर्ट की तरफ से आज दिया गया फैसला पूरी तरह गलत है. इससे पूरा मामला तय कर लिया गया है. 6 दिसंबर इस देश में दोबारा हो सकता है. ओवैसी ने कहा, आप खुद कह रहे हैं कि साल 1993 के बाद से वहां कुछ नहीं हो रहा था. ऐसे में यह इजाजत कैसे दी जा सकती है. ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा की इजाजत देना पूरी तरह गलत है. फैसले के खिलाफ अपील के लिए 30 दिन का समय देना चाहिए था.
पीएम मोदी से भी नाराज दिखे ओवैसी
ओवैसी इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी नाराज दिखे हैं. उन्होंने कहा, वाराणसी कोर्ट का फैसला प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 का सरासर उल्लंघन है. आज जज साहब के रिटायरमेंट का आखिरी दिन था. उन्होंने 17 जनवरी को ही वहां रिसीवर बैठाया था. अब इस फैसले से पूरा केस ही तय कर दिया. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी चुप क्यों हैं? जब तक वे अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे और यह नहीं कहेंगे कि वे इसके (एक्ट के) साथ हैं. तब तक ये सब ही चलता रहेगा.
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