Gyanvapi Masjid को लेकर आया बड़ा फैसला, Varanasi Court ने हिंदू पक्ष को दे दिया ये बड़ा झटका

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Oct 25, 2024, 07:44 PM IST

Gyanvapi (File Photo)

Gyanvapi Masjid Case: हिंदू पक्ष की तरफ से मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे का सर्वे पेनिट्रेटिंग रडार से कराने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया है. हिंदू पक्ष ने अब Allahabad High Court की शरण लेने की बात कही है.

Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पौरोणिक मंदिर होने का केस लड़ रहे हिंदू पक्ष को शुक्रवार को करारा झटका लगा है. वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) ने शुक्रवार को हिंदू पक्ष की पूरी मस्जिद का पुरातात्विक सर्वे आर्कियोलॉजिक्ल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से कराने की मांग को ठुकरा दिया है. हिंदू पक्ष ने मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे पेनिट्रेटिंग रडार से सर्वे समेत मस्जिद के बाकी बचे तहखानों और अन्य जगह का भी सर्वे कराने का आदेश देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया. इसे हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि हिंदू पक्ष ने इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में चुनौती देने की बात कही है. 

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वाराणसी कोर्ट ने 19 अक्टूबर को सुरक्षित रखा था फैसला
ज्ञानवापी मस्जिद केस में हिंदू पक्ष की याचिका पर 19 अक्टूबर को बहस पूरी हो गई थी. इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे शुक्रवार (25 अक्टूबर) को सुनाया गया है. हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने फैसला आने के बाद कहा कि हमें आदेश की पूरी कॉपी का इंतजार है. उसकी स्टडी करने के बाद हम इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. 8 अप्रैल 2021 के फैसले के मुताबिक, ASI को सर्वे के लिए 5 मेंबर की कमेटी गठित करनी थी, जिसमें एक व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय से शामिल किया जाना था और एक मेंबर किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एक्सपर्ट के तौर पर बुलाना था. इस कमेटी को ही ज्ञानवापी का सर्वे करना था, लेकिन इससे पहले हुए सर्वे में केवल ASI के कर्मचारी शामिल थे. हाई कोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि यह सर्वे उसके 8 अप्रैल के आदेश के मुताबिक नहीं है. हम हाई कोर्ट में इसी आधार पर वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे. 

हिंदू पक्ष ने दिया था एएसआई सर्वे के अधूरा होने का तर्क

हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट में दाखिल याचिका में ASI की तरफ से मस्जिद परिसर में पहले किए सर्वे को अधूरा बताया था. उन्होंने तर्क दिया था कि हिंदू पक्ष ने जिस एरिया में शिवलिंग होने का दावा किया था, वहां सर्वे नहीं किया गया. भगवान आदि विशेश्वर का 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे जमीन के अंदर मौजूद है. इसका पेनिट्रेटिंग रडार से सर्वे होना चाहिए. साथ ही वजूखाने और बाकी बचे तहखानों का भी सर्वे होना चाहिए. इसके लिए आर्कियोलॉजिक्ल सर्वे ऑफ इंडिया (Archeological Survey of India) को आदेश देने की जरूरत है.

मुस्लिम पक्ष ने यह कहकर किया था विरोध
हिंदू पक्ष की याचिका का अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने विरोध किया था. कमेटी की दलील है कि ज्ञानवापी की खुदाई का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी इनकार कर दिया था. साथ ही ASI को ज्ञानवापी के ढांचे में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करने का निर्देश दिया था. 

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