डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में रमजान के वक्त नमाजियों के 'वजू' करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को आदेश जारी किया है. कोर्ट ने वाराणसी के जिला अधिकारियों से रमजान के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में वजू की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एक अनुकूल समाधान निकालने को 18 अप्रैल को एक बैठक बुलाने के लिए कहा है. कोर्ट का कहना है कि अधिकारी बैठक करके हल निकालें.
ज्ञानवापी मस्जिद में रमजान के दौरान नमाज़ियों को वजू में हो रही दिक्कत पर मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. इस मामले में मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी कहा कि वजूखाना SC के आदेश पर बंद है, फिलहाल मोबाइल वाशरूम की व्यवस्था कर दी जाए जिससे नमाजियों के लिए वजू की व्यवस्था की जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी के कलेक्टर को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 'वज़ू' की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जजों की बेंच ने यह अहम आदेश दिया है.
किसने लगाई यह याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा गया, ''हम निर्देश देते हैं कि वाराणसी के ज़िला कलेक्टर एक बैठक बुलाएं और रमज़ान के महीने में वज़ू की सुविधाओं की व्यवस्था करने की ज्ञानवापी मस्जिद समिति के आग्रह पर विचार करें.'' बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करनेवाली अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद प्रबंधन समिति ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ैफ़ा अहमदी के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.
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कोर्ट में क्या हुई जिरह
इस मामले में वरिष्ठ वकील अहमदी ने कहा कि फ़व्वारे वाले स्थान पर पहले वज़ू किया जाता था और उसी स्थान के नज़दीक वॉशरूम थे लेकिन पिछले साल इसे शिवलिंग बताने के लिए चलते सील कर दिया गया. वहीं सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वज़ू के पानी के लिए व्यवस्थाएं हैं.
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मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि मस्जिद वाला पक्ष मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था से भी संतुष्ट है जबकि तुषार मेहता ने चिंता व्यक्त की कि मोबाइल टॉयलेट से परिसर की पवित्रता प्रभावित हो सकती है और ऐसे में अधिकारी को सारी चीज़ों को ध्यान में रखकर फ़ैसला लेना होगा.
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