डीएनए हिंदीः वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के सर्वे को लेकर कल कोर्ट में सुनवाई होनी है. इससे पहले ही महिला वादियों में फूट की खबरें सामने आ रही हैं. पांच में से एक वादी सोमवार को अपना केस वापस से सकती हैं. उन्होंने खुद इसकी घोषणा की हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर (kashi vishwanath) परिसर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा और मूर्तियों की सुरक्षा की मांग को लेकर पांच महिलाएं कोर्ट पहुंची थी.
जानकारी के मुताबिक हिन्दू पक्ष की तरफ से 5 वादी में से एक राखी सिंह कल यानी सोमवार को अपना केस वापस लेंगी, हालांकि हिन्दू पक्ष का कहना है कि बाकी 4 वादी अपने रुख पर कायम हैं और वो केस चलाएंगी. फिलहाल हिन्दू पक्ष के वकील और अन्य पदाधिकारी बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. इसको लेकर जिला प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है. वहीं याचिका वापस लेने से जुड़े इस फैसले पर संघ में भी विवाद बढ़ता दिख रहा है.
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पिछले साल ही पहुंची थीं कोर्ट
बता दें कि अगस्त 2021 में दाखिल करने वाली इन 5 महिलाओं के पीछे विश्व वैदिक सनातन संघ (vishva vaidik sanatan sangh) नाम की एक संस्था थी. रविवार को विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने ऐलान किया कि वो मंदिर पक्ष की ओर से मामले पर दी गई याचिका वापस लेंगे. इससे पहले शनिवार तक वहां सर्वे का काम जारी रहा. सर्वे के दौरान ही वैदिक सनातन संघ ने अपनी लीगल टीम को भंग करने का ऐलान किया था. उनके इस फैसले के बाद से हड़कंप मच गया. दरअसल राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन को लेकर अगस्त 2021 में वाराणसी सिविल कोर्ट में याचिका दी थी.
किसने दाखिल किया है मामला
श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर राखी सिंह ,सीता साहू ,मंजू व्यास, रेखा पाठक , लक्ष्मी देवी समेत पांच महिलाओं ने व्यक्तिगत तौर पर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन के लिए याचिका दी थी. ये सभी महिलाएं सर्वे के दौरान मौजूद थी लेकिन राखी सिंह नदारद रहीं.
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