डीएनए हिंदी: वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को पद से हटा दिया है. मिश्रा को कोर्ट की जानकारी लीक करने और पर्याप्त पारदर्शिता नहीं बरतने की वजह से पद से हटाया गया है. अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 19 मई की तारीख दी है. बता दें कि इस फैसले पर पूरे देश की नजर थी.
फैसले में कोर्ट की बड़ी बातें
फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने पारदर्शिता नहीं बरती और तमाम गंभीर बातें लीक की हैं. विशाल कोर्ट कमिश्नर बने रहेंगे. सर्वे रिपोर्ट को सौंपने के लिए 2 दिन की मोहलत मांगी थी जो कोर्ट ने मंजूर कर ली है.
बता दें कि आज ज्ञानवापी मामले में रात 8 बजे करीब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) एक अहम बैठक भी करने जा रही है.
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दिन भर ऐसा रहा घटनाक्रम
वाराणसी के सिविल कोर्ट में मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद (Gynavapi Masjid) मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकीलों ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के ठीक नीचे मौजूद शिवलिंग तक पहुंचने के लिए पूर्व की तरफ से एक दरवाजा है. कोर्ट में कहा गया कि मलबे को चूने से ढंक दिया गया है.
कोर्ट से सर्वे रिपोर्ट दायर करने के लिए दो दिन का समय मांगा गया था. शाम 4 बजे मामले की सुनवाई फिर से शुरू हुई. कोर्ट ने फैसले में कोर्ट कमिश्नर को पद से हटा दिया है. सर्वे रिपोर्ट दायर करने के लिए 2 दिन का समय भी दिया है.
याचिकाकर्ता ने की है दीवार हटाने की मांग
याचिकाकर्ता सीता साहू, मीनू व्यास और रेखा पाठक की ओर से एक याचिका दाखिल की गई है. इसमें कहा गया कि सोमवार को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में जहां शिवलिंग मिला है वहां चारों तरफ की दीवार को हटाया जाए. याचिका में कहा गया कि इस बात का शक है कि शिवलिंग के सामने पूर्वी दीवार में नीचे से शिवलिंग को सीमेंट और पत्थरों से जोड़ दिया गया है.
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