उत्तराखंड के हल्द्वानी में दंगाइयों के कारनामे डराने वाले हैं. वनभूलपुरा इलाके में भड़के बवाल की जो कहानी नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने सुनाई है, वह दिल दहलाने वाली है. उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में जो कुछ हुआ, उसे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है.
डीएम वंदना सिंह ने कहा है कि प्रदर्शनकारी पहले ही जुट गए थे. उनका इरादा पुलिस पर उसी दिन हमला करने का था जिस दिन बुलडोजर ने मस्जिद ध्वस्त किया था. मस्जिद ढहने के महज आधे घंटे बाद हिंसा भड़क उठी और दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की.
पुलिसकर्मियों पर छत से फेंके गए पेट्रोल बम
डीएम वंदना सिंह ने कहा कि लोगों ने अपनी-अपनी छतों पर पत्थर रख लिया था. पुलिसकर्मियों को देखकर उन्होंने पहले पत्थर बरसाए, फिर छत से ही पेट्रोल बम फेंके. यह सब इतने सधे कदमों से दंगाइयों ने किया कि खुफिया विभाग तक को खबर नहीं लगी.
प्रशासन नहीं, हाई कोर्ट ने दिया था मस्जिद ढहाने का आदेश
हिंसक भीड़ ने जो किया है, वह डराने वाला है. वंदना सिंह ने मस्जिद ढहने का वीडियो भी जारी किया और कहा कि प्रशासन और पुलिस ने किसी को उकसाया नहीं था. अतिक्रम हटाने का आदेश भी सरकार नहीं, हाई कोर्ट की तरफ से आया था.
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वंदना सिंह ने कहा कि हमारे पास मस्जिद गिराने के विधेक निर्देश थे. पूरी प्रक्रिया का सही तरह से पालन किया गया. मस्जिद गिरने के आधे घंटे के भीतर एक भीड़ ने नगर निगम की टीम पर धावा बोला. हमले के लिए पहले से ही छतों पर दंगाइयों ने पत्थर जमा कर लिया था.
'अगर अतिक्रमण हटाने के लिए बने जंग जैसे हालात...'
डीएम वंदना सिंह ने कहा, 'प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के लोग बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने के लिए गए थे. अगर देश में अतिक्रमण हटाने के लिए युद्ध जैसी तैयारी करनी पड़े तो यह लोगों की मंशा पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है.'
पेट्रोल बम लेकर आए थे हमलावर
वंदना सिंह ने कहा, 'अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शांतिपूर्वक चल रही थी. हंगामा रोकने के लिए पुलिस बल तैनात थे. तभी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया. योजना बनाई गई थी कि अतिक्रमण हटाने वाले दिन ही धावा बोला जाएगा. लोगों ने हम पर हमला बोला. पत्थर बरसाए. पत्थर बरासने वाली भीड़ तो हमना दी लेकिन कुछ लोग पेट्रोल बम लेकर आए थे.'
'हमने हल्द्वानी को सुलगने से बचाया'
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा, 'जैसे ही भीड़ तितर-बितर हुई, लोग गांधी नगर इलाके की ओर चले गए जहां सभी समुदायों और धर्मों के लोग रहते हैं. इलाके में दहशत फैलाने के लिए दंगाइयों ने कोशिश की. हमारी प्राथमिकता पुलिस स्टेशन की सुरक्षा करना थी. हमें यह बचाना था कि गांधी नगर में जान-माल का कोई नुकसान न हो. हमारे प्रयास मुख्य शहर को सुलगने से बचाना था.'
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राज्य को चुनौती देने की हुई है कोशिश
वंदना सिंह ने कहा, 'भीड़ ने पुलिस थाने को तबाह कर दिया है. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. आरोपियों की पहचान की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी. मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाएं. किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की. यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने की एक कोशिश थी.'
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दंगे में अब तक क्या हुआ है?
हल्द्वानी में भड़े हंगामे में 70 गाड़ियां राख हो गईं, वहीं थाने को फूंक दिया गया. हमले में 300 लोग घायल हैं, वहीं 4 लोगों की मौत हो गई है. इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. हल्द्वानी शहर में अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.
सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. उपद्रवियों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज तलाशी जा रही है. लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है. जो भी नुकसान हुआ है, उसे प्रशासन उपद्रवियों से वसूलेगा.
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