हल्द्वानी में फिलहाल नहीं चलेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 05, 2023, 02:13 PM IST

सुप्रीम कोर्ट

Haldwani demolition case: सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे और उत्तराखंड सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है. अब अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की 78 एकड़ जमीन (Haldwani Demolition Case) पर रह रहे करीब 50 परिवारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाना सही नहीं है. अदालत ने इस मामले में रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच ने कहा कि इस मामले में मानवीय नजरिए से देखना जरूरी है. जस्टिस कौल ने कहा कि मामले में समाधान की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये है कि जहां लोगों ने 1947 के बाद नीलामी में जमीन खरीदी है, वहां आप उस परिदृश्य से कैसे निपटेंगे. कौल ने कहा कि वहां जो लोग 40 से 50 सालों से रह रहे हैं, उनके लिए पुनर्वास योजना लानी चाहिए.

7 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
उच्चतम न्यायालय अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को करेगा. हालांकि, सार्वजनिक परिसर अधिनियम के तहत कार्रवाई जा रह सकती है. कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.

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हल्द्वानी (Haldwani) के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन पर करीब 78 एकड़ इलाके में लोग बसे हुए हैं जिनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग बसे हुए हैं. इस इलाके में पांच वार्ड शामिल हैं. यहां करीब 25,000 वोटर रहते हैं. लोगों का सबसे बड़ा डर यह सता रहा है कि इस इलाके में कई बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी रहती हैं, जिनके सामने विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है. राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि इस इलाके में करीब 15,000 बच्चे रहते हैं, विस्थापन के बाद जिनका स्कूल से नाता खत्म हो जाएगा.

हाईकोर्ट ने दिया था अतिक्रमण हटाने का आदेश
हल्द्वानी (Haldwani) के बनभूलपुरा इलाके में करीब 50,000 लोग रहते हैं. इस आदेश के बाद लगभग 50,000 लोगों के आशियानों पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन अब अगली सुनवाई तक इन लोगों को राहत मिल गई है.

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