डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी से नाराजगी जताई है. हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा, "सच बोलना चाहिए क्योंकि मैं पार्टी का भला चाहता हूं. प्रदेश की जनता हमसे उम्मीद रखती है और हम उस उम्मीद पर खरे न उतर सके तो फिर इस नेतागीरी का मतलब क्या हैं! मैंने आज तक पार्टी को श्रेष्ठ देने का काम किया है और आगे भी करने वाला हूं. पद के मोहताज नही काम के भूखे हैं.
'गुजरात कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं"
इस ट्वीट से पहले हार्दिक पटेल ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस के नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व उन्हें परेशान कर रहा है और राज्य के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि ‘मैं पार्टी छोड़ दूं.’ उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी इस स्थिति के बारे में कई बार अवगत कराया गया, लेकिन दुख की बात है कि कोई निर्णय नहीं हुआ.
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हार्दिक पटेल ने दावा किया कि पिछले तीन दशक से गुजरात में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने के लिए अंदरूनी गुटबाजी और स्थानीय कांग्रेस नेताओं का दूसरे दलों के साथ ‘गुप्त गठबंधन’ जिम्मेदार है. पटेल ने यह दावा भी किया कि 2017 में इतना बड़ा माहौल था, लेकिन सही उम्मीदवारों का चयन नहीं किए जाने की वजह से सरकार नहीं बन सकी.
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हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी है. राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है. कांग्रेस 27 वर्षों से गुजरात की सत्ता से बाहर है. पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे पटेल ने कहा, ‘‘हमने एक बड़ा आंदोलन खड़ा करके कांग्रेस को फायदा दिलाया था. हमें यह लगा था कि जब हमारी ताकत और कांग्रेस की ताकत मिलेगी तो हम प्रदेश को एक नई स्थिति में लाकर खड़ा करेंगे लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने ही हमारी ताकत को कमजोर किया.’
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उनका कहना है, ‘‘मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया, लेकिन मेरे पास कोई काम नहीं है. मुझे किसी अहम बैठक में नहीं बुलाया जाता, किसी निर्णय में भागीदार नहीं बनाया जाता. सवाल यह है कि कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष क्या होता है? कुछ तो जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, लेकिन तीन साल हो गए, कोई काम नहीं दिया गया.’’
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पटेल ने कहा, ‘‘मेरी यह नाराजगी कहीं जाने के लिए नहीं है. मैं यह कहना चाहता हूं कि कुछ अच्छा तो करो. पार्टी की बहुत खराब स्थिति है, जो मजबूती से लड़ने वाले लोग हैं, उन्हें मौका तो दो. जो कुछ नहीं करना चाहते हैं, उन्हीं लोगों पर सब कुछ टिका हुआ है. लगभग 30 साल से कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो इन लोगों की गलती तो मानो.’’
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