Haryana Assembly Election Result Updates: हरियाणा विधानसभा चुनावों का परिणाम सामने आते ही गठबंधनों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. चुनावों में तीसरे नंबर पर रहीं इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lokdal) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने एक-दूसरे को हार का जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है. BSP प्रमुख मायावती ने तो सीधेतौर पर अपनी पार्टी के एक ही सीट जीतने का ठीकरा इनेलों से जुड़े जाट वोटर्स के सिर फोड़ दिया है. मायावती (Mayawati) ने कुछ-कुछ वैसी ही कहानी दोहराई है, जैसी उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ गठबंधन तोड़ते हुए बताई थी. मायावती ने कहा कि अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) की INLD को बसपा के कारण दलित वोट मिले, लेकिन इनेलो ने अपने जाट वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं कराए. इसका असर पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि यूपी की तरह हरियाणा के जाट समुदाय को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को बदलना चाहिए.
पहले जान लीजिए इनेलो और बसपा का प्रदर्शन
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhan Sabha Chunav Results 2024) में बसपा और इनेलो के बीच गठबंधन हुआ था. इस गठबंधन को 2 सीट पर जीत मिली है, जिसमें दोनों सीट इनेलो के खाते में गई है. भाजपा की 48 और कांग्रेस की 38 सीट के बाद यह गठबंधन ही सीट जीतने में सफल रहा है, बाकी सभी पार्टी फेल हो गई हैं. इनेलो को वोट शेयर 4.14% रहा है, जो साल 2019 के मुकाबले दोगुना है. इसी तरह बसपा का वोट शेयर 1.82% रहा है, जो पिछले चुनाव के 4.14% के मुकाबले बेहद कम रहा है. इनेलो ने 53, जबकि बसपा ने 37 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे. बसपा का विपक्षी दलों को फाइट देने वाला एकमात्र उम्मीदवार अटेली सीट पर रहा, जहां अतरलाल को भाजपा की आरती राव के हाथों महज 2,500 वोट से शिकस्त मिली है.
मायावती ने क्या कहा है
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार देर शाम हरियाणा में बीएसपी की विफलता का ठीकरा जाटों के सिर फोड़ा है. मायावती ने जाटों को जातिवादी मानसिकता वाला बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसपी के (दलित) वोट INLD को ट्रांसफर हुए, लेकिन जाट समाज ने बसपा कैंडिडेट्स को वोट नहीं दिया है. आज आए परिणाम से स्पष्ट है कि जातिवादी जाट समाज ने बसपा को वोट नहीं दिया. इसके चलते बसपा कैंडिडेट कुछ सीटों पर बेहद थोड़े अंतर से हारे हैं. हालांकि बसपा का वोट पूरी तरह ट्रांसफर हुआ. मायावती ने एक्स पर लिखा,'यूपी का जाट समाज जातिवादी मानसिकता छोड़कर बसपा से विधायक और मंत्री भी बना है. हरियाणा के जाट समाज कोभी उनके पदचिह्न पर चलकर अपनी जातिवादी मानसिकता छोड़नी चाहिए.'
ऐसा ही आरोप लगाया था अखिलेश यादव पर भी
हरियाणा में मायावती जिस तरह के आरोप लगा रही हैं. ऐसे ही आरोप साल 2019 में मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर लगाए थे. मायावती ने कहा था कि बसपा के दलित वोट ने सपा कैंडिडेट्स को वोट दिया, लेकिन सपा के यादव वोटबैंक ने बसपा कैंडिडेट्स से दूरी बना ली. हाल ही में भी मायावती और अखिलेश में इसे लेकर फिर से सोशल मीडिया पर तकरार हुई थी, जिसमें मायावती ने अखिलेश पर आरोप लगाया था कि सपा प्रमुख बसपा नेताओं के फोन तक नहीं उठाते थे.
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