Haryana Assembly Elections 2024: BJP के बागी नवीन गोयल ने बढ़ाई भाजपा-कांग्रेस की टेंशन, गुरुग्राम सीट पर अकेले वैश्य उम्मीदवार के साथ उमड़ी भीड़

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Sep 13, 2024, 02:13 AM IST

Haryana Assembly Elections 2024: नवीन गोयल को भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनौती दी है. इससे गुरुग्राम सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है.

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे के बीच कई जगह बागियों ने रोचक मुकाबला पैदा कर दिया है. इसमें गुरुग्राम विधानसभा सीट भी शामिल हो गई है. भाजपा से टिकट बंटवारे में अनदेखी मिलने पर 5 सितंबर को पार्टी छोड़कर निर्दलीय दावा ठोकने वाले नवीन गोयल ने नामांकन भर दिया है. ब्राह्मण समाज के समर्थन के साथ चुनाव में उतरे नवीन गोयल ने नामांकन भरने से पहले रैली आयोजित कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. जेल कॉम्पलेक्स ग्राउंड में आयोजित नामांकन रैली के बाद गुरुग्राम के बाजारों में पैदल यात्रा भी निकाली गई, जिसमें उमड़ी भीड़ ने निश्चित तौर पर इस सीट पर अकेले वैश्य उम्मीदवार के सामने भाजपा-कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है. 

भाजपा के ब्राह्मण उम्मीदवार उतारने का दिया जवाब

नवीन गोयल की पहचान बीते 11 साल के दौरान अपनी सेवा और काम के कारण समाज के हर वर्ग में रही है. यह बात गुरुग्राम की अधिष्ठत्री देवी मां शीतला माता और पंजाबी समुदाय के अध्यात्मिक गुरू धर्मदेव का आशीर्वाद लेकर उतरे नवीन गोयल की रैली में उनके साथ समाज के हर वर्ग की मौजूदगी ने साबित कर दी. भाजपा की तरफ से मुकेश शर्मा के रूप में ब्राह्मण उम्मीदवार उतारने का जवाब भी नवीन गोयल ने दे दिया है. गुरुग्राम में एक सप्ताह पहले बड़े ब्राह्मण सम्मेलन और परशुराम जीवनलीला के नाट्य मंचन के उनके आयोजन में उमड़े ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने उन्हें समर्थन दिया है.

गुरुग्राम को बनाएंगे देश की नंबर-1 विधानसभा

नवीन गोयल ने नामांकन से पहले समर्थकों से कहा,'मैंने बाबा श्याम के आर्शीवाद के साथ उनके बसंती रंग को अपनाया है, बाबा श्याम का रंग ही मेरा पटका है, यही मेरी पगड़ी है और वही मेरा सहारा हैं.' उन्होंने कहा,'मेरा लक्ष्य गुरुग्राम को शिक्षा और रोजगार के मामले में देश की नंबर-1 विधानसभा बनाना है. मेरा विजन और सपना है कि इंदौर की जगह स्वच्छता के लिए गुरुग्राम का नाम लिया जाए. गुरुग्राम में जल भराव जैसी समस्याएं न हों.'

भाजपा के अंदर से मिल रहा साथ

नवीन गोयल को भाजपा के अपने पुराने साथियों का भी साथ मिल रहा है. रैली के मंच पर ही कई पूर्व भाजपाई पार्षदों और नेताओं ने उनका समर्थन करने की घोषणा की. पंजाबी समुदाय के साथ ही 36 बिरादरियों के प्रधानों ने भी उनका साथ देने का ऐलान किया. नामांकन भरने के बाद नवीन ने कहा,'भले ही मेरे पास पार्टी सिंबल नहीं, लेकिन अगर मैं भारी मतों से जीता तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किसी बनती है और किसी नहीं.' गुरुग्राम में नवीन गोयल के किए कामों का लोगों पर प्रभाव है, जिससे जमीनी स्तर पर माहौल उनके ही पक्ष में दिख रहा है.  

गुरुग्राम सीट पर अकेले वैश्य उम्मीदवार होना आएगा काम?

गुरुग्राम सीट पर नवीन गोयल के नामांकन ने मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. इससे इस सीट पर त्रिकोणीय भिड़ंत बन गई है. कांग्रेस ने पंजाबी समुदाय के मोहित ग्रोवर को उतारा है तो भाजपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार मुकेश शर्मा को टिकट दिया है. गुरुग्राम सीट पर इस बार अकेले नवीन गोयल ही वैश्य उम्मीदवार हैं. इस सीट पर पिछले दोनों चुनाव वैश्य समुदाय के उम्मीदवार ने जीते हैं. पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल के चुनावी होड़ से हटकर वैश्य समाज के साथ चलने से भी नवीन गोयल के पक्ष में माहौल बन गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि नवीन गोयल को टिकट न देना भाजपा के लिए बड़ी गलती साबित हो सकती है.

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