Haryana: प्राइवेट Job में आरक्षण पर HC ने लगाई रोक, Khattar सरकार को बड़ा झटका

| Updated: Feb 03, 2022, 02:48 PM IST

Punjab and Haryana High Court.

हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम नवंबर 2021 में पारित किया गया था. प्राइवेट कंपनियों ने इस पर चिंता जाहिर की थी.

डीएनए हिंदी: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (High Court) ने स्थानीय लोगों के लिए निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है. गुरुवार को एक केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है. अदालत फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और अन्य की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार (Khttar Government) के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है.

कोर्ट के नए आदेश को प्राइवेट कंपनियां बड़ी राहत के तौर पर देख रही हैं. कंपनियों की आशंका थी राज्य सरकार के इस फैसले से व्यापार, मार्केटिंग और निवेश पर असर पड़ेगा. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार लड़ाई जारी रखेगी.

हाई कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने लिखा, 'हम हरियाणवी युवाओं को रोजगार में 75 फीसदी आरक्षण दिलाने की लड़ाई जारी रखेंगे.'


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क्या है विवाद की वजह?

हरियाणा राज्य स्थानीय व्यक्ति रोजगार अधिनियम 2020 पिछले साल नवंबर में पारित किया गया था. यह एक्ट इसी साल 15 जनवरी से लागू हुआ था. यह अधिनियम   30,000 रुपये प्रतिमाह से वेतन वाली नौकरियों पर लागू था. प्राइवेट कंपनियों की चिंता थी कि इससे उनका व्यापार प्रभावित होगा.

क्या था राज्य सरकार का तर्क?

राज्य सरकार ने पिछले साल कहा था कि यह अधिनियम निजी क्षेत्र की कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों, फर्मों, और दूसरे निकायों पर लागू होगा. ऐसी कंपनियां जहां 10 या 10 से ज्यादा लोग काम कर रहे हों उन्हें इस एक्ट का पालन करना ही होगा. सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की गई थीं.

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