डीएनए हिंदी : दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) को बनकर तैयार हुए तीन साल हो चुके हैं. नेशनल वॉर मेमोरियल डे अमेरिकी गृह युद्ध में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था. प्रथम विश्व युद्ध के बाद किसी भी युद्ध में शहीद हुए सैनिक के सम्मान में इस दिन को खास तौर पर मनाया जाता है. इस अवसर पर नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी के साथ उप सेना अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे और रक्षा सचिव अजय कुमार मौजूद थे. उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक की तीसरी सालगिरह पर आज सुबह शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पीएम मोदी ने तीन साल पहले इसे राष्ट्र को किया था समर्पित
इस अवसर पर वॉर मेमोरियल (National War Memorial) पूरी तरह सजाया गया था. गौरतलब है कि नेशनल वॉर मेमोरियल को तीन साल पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 फरवरी 2019 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था. यह इंडिया गेट के पास 44 एकड़ में फैला हुआ है.
सभी युद्धों के सभी शहीदों के नाम दर्ज हैं यहां
नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) के ठीक मध्य में मुख्य स्तम्भ है जहां अमर जवान ज्योति प्रज्वलित रहती है. हाल में इंडिया गेट(India Gate) पर प्रज्वलित ज्योति को भी राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति से मिला दिया गया था. स्मारक की सभी दीवारों पर भिन्न युद्धों 1947-48, 1962 (भारत -चीन युद्ध ) के साथ -साथ 1999 (कारगिल) समेत भिन्न ऑपरेशन में शहीद हुए 13,300 भारतीय सैनिकों के नाम दर्ज हैं.
इस स्मारक में 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं. यहां 1947-48 के युद्ध से लेकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष तक शहीद हुए सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं. यहां उनके भी नाम दर्ज किए गए हैं जिन्होंने आतंकवादी विरोधी अभियानों में अपनी जान गंवाईं. बता दें कि इससे पहले सशस्त्र सेना के शहीद हुए सैनिकों के सम्मान के लिए कोई भी स्मारक नहीं था.
(आरती राय की रिपोर्ट )