डीएनए हिंदी: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी वेबसाइट नेशनल हेल्थ पोर्टल (National Health Portal) पर बृहस्पतिवार को साइबर अटैक हुआ है. साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने वाली कंपनी क्लाउडएसईके के एक्सपर्ट्स ने इस बात का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि रूस समर्थक हैकर ग्रुप फीनिक्स के हैकर्स ने National Health Portal में सेंध लगाकर स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HIMS POrtal) के साथ छेड़छाड़ की है. ये हैकर्स देश के सभी सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों और मुख्य चिकित्सकों के निजी पहचान डाटा तक पहुंच गए हैं. उन्होंने यह डाटा चोरी होने की भी संभावना जताई है. एक्सपर्ट्स के इस दावे के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय में भगदड़ मच गई है. मंत्रालय ने ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) को इस कथित हैकिंग की जांच करने का निर्देश मिला है.
इन कारणों से हुआ है हैकिंग अटैक
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, एआई डिजिटल रिस्क प्लेटफॉर्म एक्सविगिल के मुताबिक, हैकर्स ग्रुप फीनिक्स रूस के खिलाफ G20 देशों की तरफ से लगाए प्रतिबंधों के कारण नाराज है. साथ ही तेल की कीमतों पर लगे प्राइस कैप का भारत द्वारा समर्थन करना भी इसका कारण है. बता दें कि भारत इस समय G20 का अध्यक्ष है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फीनिक्स के टेलिग्राम चैनल पर इस साइबर हमले के फैसले को लेकर कई पोल किए गए थे, जिसमें फॉलोअर्स के वोट मांगे गए थे.
डाटा चोरी हुआ तो क्या होगा!
सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यदि इस रूसी ठग हैकिंग ग्रुप ने डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों का डाटा चोरी किया है तो वे इसे डार्कवेब पर बेच सकते हैं. इस डाटा में से एक्सफिल्टर्ड लाइसेंस दस्तावेज और निजी पहचान दर्शाने वाली जानकारी यानी PII की डिमांड रहती है. इन जानकारियों के जरिये दस्तावेजी फ्रॉड को अंजाम दिया जा सकता है.
पढ़ें- Rahul Gandhi को दिल्ली पुलिस का नोटिस, महिला यौन उत्पीड़न से जुड़ा है मामला, जानिए पूरी बात
CERT-In जांच करके बताएगा डाटा चोरी हुआ या नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र के हवाले से PTI ने बताया है कि हैकिंग के इस कथित मामले की जांच CERT-In को दी गई है, जो केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के तहत काम करती है. सूत्र ने बताया कि हमने सीईआरटी-इन से स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट को कथित तौर पर हैक करने की जांच करने को कहा है और (हैकिंग का) विवरण मांगा है. वे हमें जांच करने के बाद रिपोर्ट सौंपेंगे. बता दें कि सीईआरटी-इन, कंप्यूटर संबंधी सुरक्षा घटनाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है.
अमेरिका, जापान भी बने हैं फीनिक्स का निशाना
रूसी हैकर्स का फीनिक्स ग्रुप जनवरी, 2022 में एक्टिव हुआ था. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान इसने बड़े पैमाने पर साइबर अटैक किए हैं. इसका निशाना अमेरिकी सेना को सर्विस देने वाला अमेरिकी हेल्थ सर्विस ऑर्गनाइजेशन भी बन चुका है. साथ ही ये जापान और ब्रिटेन के अस्पतालों के नेटवर्क भी हैक कर चुका है. इसने स्पेनिश विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी साइबर अटैक किया था. यह ग्रुप हार्डवेयर हैकिंग के साथ ही खोए या चोरी हुए Iphone को अनलॉक करने और उन्हें कीव व खारकीव में अपने नियंत्रण वाले आउटलेट्स के जरिये दोबारा बेचने का काम कर रहा है.
पढ़ें- Shocking Video: सड़क पर चल रही खुदाई से घर में फटा 'बम', होश उड़ा देगा हादसे का वीडियो
पहले चीन और अब रूसी हैकर्स
पिछले साल के आखिरी महीनों में दिल्ली AIIMS के सर्वर को भी हैक कर लिया गया था. इस रैनसमवेयर अटैक के पीछे चीन के हैकर्स का हाथ सामने आया था. उस समय माना गया था कि हैकर्स ने राजनेताओं के साथ ही अन्य वीआईपी मरीजों समेत कम से कम 4 करोड़ लोगों का संवेदनशील डाटा चुराया था. हालांकि सरकार ने इससे इनकार किया था. चीन के बाद अब रूस समर्थक हैकर्स ने भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को ही निशाना बनाया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.