Delhi Fire Updates: भीषण गर्मी के बीच हीटवेव (Heat Wave) के कारण दिल्ली चूल्हे पर रखे तवे की तरह तप रही है. कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री छू चुका है, जबकि मुंगेशपुर इलाके में 52.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ है. लू के थपेड़ों से जूझ रही दिल्ली के लिए अब आग भी मुसीबत बन गई है. विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में लगी आग के अलावा पिछले 10 दिन के दौरान कई बड़ी घटनाएं हुई हैं. हालात कितने बुरे हैं, इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि दिल्ली फायर सर्विसेज (Delhi Fire Services) के कंट्रोल रूम पर रोजाना 24 घंटे के अंदर राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में आग लगने की करीब 200 से ज्यादा सूचनाएं मिल रही हैं. जो पिछले 10 साल के दौरान राजधानी के अंदर आग लगने पर किसी एक दिन में कंट्रोल रूम को मिली सबसे ज्यादा कॉल्स हैं.
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दिवाली पर भी नहीं मिली थी एक दिन में इतनी कॉल्स
दिल्ली फायर डिपार्टमेंट (Delhi Fire Department) के निदेशक अतुल गर्ग के मुताबिक, 'हमें रोजाना आग लगने की 200 से ज्यादा सूचनाएं मिल रही हैं. एक दिन में इतनी ज्यादा सूचनाएं पिछले साल दिवाली पर भी नहीं मिली थीं. इनमें से ज्यादातर सूचनाएं पश्चिमी दिल्ली के नरेला, बवाना और बुराड़ी आदि इंडस्ट्रियल इलाकों से आ रही हैं. पिछले एक दशक के दौरान किसी एक दिन यानी 24 घंटे के अंदर मिलने वाली आग लगने की सूचनाओं का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है.'
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1 डिग्री तापमान बढ़ा तो...
गर्ग के मुताबिक, 'तापमान बहुत ज्यादा है. इसके चलते आग लगने की घटनाएं बहुत ज्यादा हुई हैं. डिपार्टमेंट को पिछले 3 दिन के दौरान 214, 238 और 261 कॉल्स मिली हैं. इससे पहले 19 और 20 मई को विभाग को 202 और 225 कॉल्स मिली थीं. इसके उलट पिछले साल एक दिन में सबसे ज्यादा 164 कॉल्स 27 मई को आई थी. यदि तापमान में 1 डिग्री की भी बढ़ोतरी हुई तो रोजाना 250 से ज्यादा जगह आग लगने की घटनाओं होंगी. अब तक राजधानी में आग लगने से बच्चे समेत 12 लोग मारे जा चुके हैं.'
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फायर सर्विस पर बढ़ गया है बोझ, ये है विभाग की तैयारी
गर्ग के मुताबिक, 'भीषण गर्मी ने राजधानी के फायर सर्विसेज पर दबाव बढ़ा दिया है. इमरजेंसी घटनाओं की संख्या बढ़ने से फायरकर्मियों को बिना थके लगातार काम करना पड़ रहा है. हमने नई तकनीकों को अपनाया है. ड्रोन आदि जैसे बहुत सारे उपकरण फायर डिपार्टमेंट ने पहली बार खरीदे हैं ताकि आग की निगरानी की जा सके.
- Delhi Fire Services ने अपनी फ्लीट में फायरफाइटिंग रोबोट्स की संख्या 6 से बढ़ाकर 18 कर दी है.
- रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान प्रभावित इलाकों से धुआं हटाने के लिए फायर सर्विस ने स्मोक एक्जॉस्टर्स खरीदे हैं.
- पतली गलियों में आग लगने के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन चलान के लिए 26 पिकअप वैन खरीदी गई हैं.
- फायरफाइटर्स को अपनी वाटर यूनिट दौड़ने के बजाय बोरवैल, तालाब और मेट्रो स्टेशनों से पानी लेने के लिए कहा जा रहा है.
क्यों बढ़ गई हैं अचानक आग लगने की घटनाएं?
दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारियों के मुताबिक, आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंडस्ट्रियल इलाकों में हो रही हैं, जहां फैक्टरियों में आसानी से आग पकड़ने वाले मटीरियल होते हैं. आग लगने की 70 फीसदी से ज्यादा घटनाएं इलेक्ट्रिक फॉल्ट्स के कारण हो रही हैं.
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