डीएनए हिंदी: देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी (Heatwave) का कहर जारी है. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार (Modi Government) ने कहा है कि गर्मी से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए सरकारें पहल करें. सरकार ने क्या करें और क्या न करें इससे संबंधित एक लिस्ट जारी की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने अपील की है कि स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता के लिए समीक्षा की जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति तय की जाए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को राज्यों से अपील की है कि सभी जिलों को गर्मी से संबंधित बीमारियों पर राष्ट्रीय कार्य योजना संबंधी एडवाइजरी भेजी जाए जिससे लू लगने से संबंधित बीमारियों का तत्काल इलाज किया जा सके.
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लू संबंधी बीमारी पर रखी जाए नजर
राजेश भूषण ने कहा है, '1 मार्च से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों पर दैनिक निगरानी रखी जा रही है. यह तय किया जाए कि डेली विजिलेंस रिपोर्ट नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के साथ शेयर की जाए. केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से कनेक्टेड रहने पर जोर दे.
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Heatwave से बचने के लिए क्या करें, क्या न करें?
1. डिहाइड्रेशन से बचने की कोशिश लोग करें. स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त IV fluid का स्टॉक अपने पास रखे. ORS, आइस पैक और ठंडे पानी का इंतजाम रहे. गर्मी से जुड़ी बीमारियों की बारीकी से निगरानी की जाए.
2. लू चलने के दौरान कोशिश यह रहे कि घरों से बाहर न निकलें. अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो हमेशा सिर ढककर बाहर निकलें.
3.अगर गर्मी से संबंधित बीमारियों के लक्षण सामने आएं तो तत्काल 108 या 102 पर कॉल करें. अगर शरीर ज्यादा गर्म हो जाए, घबराहट हो या बेचैनी हो, पसीना न हो तो तत्काल परामर्श लें.
4. अगर शरीर का तापमान 40 डिग्री सेंट्रीग्रेट और 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा हो, शरीर में दर्द बना रहे, दस्त हो, धड़कनें बढ़ने लगें और सांस लेने में तकलीफ होने लगे तो तत्काल चेकअप कराएं.
5. अगर बच्चे खाना खाने से परहेज करने लगें, चिड़चिड़ापन बढ़ जाए या यूरीन से संबंधित अनियमितता हो तो तत्काल डॉक्टर से मिलें. आंसू न आना और दिनभर सुस्ती रहने पर भी तत्काल संपर्क करें.
6. नई गाइडलाइन इम बात का भी जिक्र है कि वर्क प्लेस पर ठंडा पेयजल उपलब्ध कराया जाए. हर 20-20 मिनट पर लोग पानी पीते रहें.
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