साल 1963 में जम्मू-कश्मीर में हुआ था Helicopter Crash, 6 सैन्य अधिकारियों ने गंवाई थी जान

| Updated: Dec 09, 2021, 11:24 AM IST

Helicopter Crash (Image Credit- Special Arrangement)

कुन्नूर में हुआ हादसा 1952 में लखनऊ के पास डेवन क्रैश की याद भी दिलाता है, जिसमें भारतीय सेना का भावी शीर्ष नेतृत्व समाप्त हो सकता था.

डीएनए हिंदी: तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट बुधवार को हुए Helicopter Crash ने 1963 में Jammu Kashmir के पुंछ में हुई एक अन्य दुर्घटना की याद दिला दी जिसमें छह सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी. तमिलनाडु में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल Bipin Rawat, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य की मृत्यु हो गई.

पुंछ में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना को देश के विमान इतिहास में हुए सबसे बड़े हादसे में से एक के तौर पर याद किया जाता है. 22 नवंबर, 1963 को हुए इस हादसे में लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह, एयर वाइस मार्शल ई डब्ल्यू पिंटो, मेजर जनरल के एन डी नानावती, ब्रिगेडियर एस आर ओबेरॉय और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस एस सोढ़ी की मृत्यु हो गई थी.

कुन्नूर में हुआ हादसा 1952 में लखनऊ के पास डेवन क्रैश की याद भी दिलाता है, जिसमें भारतीय सेना का भावी शीर्ष नेतृत्व समाप्त हो सकता था. उस हादसे में सेना की पश्चिमी कमान के तत्कालीन प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस एम श्रीगणेश और क्वार्टरमास्टर जनरल, मेजर जनरल के एस थिमैया बाल-बाल बच गये थे. वे दोनों बाद में सेना प्रमुख बने थे.

उस हेलिकॉप्टर में मेजर जनरल एसपीपी थोराट, मेजर जनरल मोहिंदर सिंह चोपड़ा, मेजर जनरल सरदानन्द सिंह और ब्रिगेडियर अजायब सिंह सवार थे. मेजर जनरल थोराट को बाद में पूर्वी कमान का प्रमुख नियुक्त किया गया था. डेवन विमान के पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुहास विश्वास को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2019 में उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और आठ अन्य सैन्यकर्मी पुंछ सेक्टर में हुई एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में घायल हो गए थे.

(इनपुट- भाषा)