डीएनए हिंदी: केरल के मेडिकल कॉलेजों में हिजाब विवाद (Hijab Row In Kerala) शुरू होने के आसार बन रहे हैं. तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज की 7 छात्राओं ने ऑपरेशन थिएटर की मौजूदा ड्रेस को बदलने की मांग की है. उन्होंने प्रिंसिपल से ऑपरेशन थिएटर के अंदर पहनने के लिए ऐसी ड्रेस उपलब्ध कराने की मांग की है, जो हिजाब का विकल्प हों. उन्होंने लंबी बाजू वाली स्क्रब जैकेट और हिजाब की तरह सिर ढंकने वाला सर्जिकल हुड उपलब्ध कराने की मांग की है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंसिपल डॉ. लिनेट जे. मौरिस ने छात्राओं की मांग को पूरा करने से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि ऑपरेशन थिएटर के अंदर पहनी जाने वाली ड्रेस को बदलने में कई तरह की तकनीकी परेशानियां आड़े आ सकती हैं. हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर एक मीटिंग बुलाने का वादा किया है, जिसमें कई सर्जन के साथ ही संक्रमण नियंत्रण करने वाली टीम के मेंबर भी शामिल रहेंगे. मीटिंग में छात्राओं की मांग पर चर्चा की जाएगी और इससे ऑपरेशन थिएटर में आने वाली परेशानी पर गौर किया जाएगा. इसके बाद ही आखिरी फैसला होगा.
छात्राओं ने उठाया था धर्म का मुद्दा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंसिपल के सामने सोमवार को ड्रेस बदलने की मांग रखने वाली छात्राओं ने धर्म का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि हर समय सिर को ढके रहना हमारी धार्मिक परंपराओं का हिस्सा है. ऑपरेशन थिएटर के अंदर मौजूदा ड्रेस के चलते हिजाब पहनना संभव नहीं है. उन्होंने कहा था कि लंबी बाजू वाली स्क्रब जैकेट्स और सिर ढकने वाले सर्जिकल हुड से उन्हें अपने धार्मिक विश्वास को बनाए रखते हुए ऑपरेशन थिएटर के अंदर संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक सावधानी का मानक पूरा करने में भी मदद मिलेगी.
इंटरनेशनल स्टेंडर्ड पर तय हुई है ऑपरेशन थिएटर की ड्रेस
प्रिंसिपल मौरिस के मुताबिक, ऑपरेशन थिएटर के अंदर की ड्रेस इंटरनेशनल स्टेंडर्ड पर तय हुई है. इसमें किसी भी तरह का बदलाव विस्तृत चर्चा और सलाह के बाद ही किया जा सकता है.
एक स्कूल में भी उठा था यह मुद्दा
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले एक स्कूल में भी हिजाब से जुड़ा ऐसा ही विवाद सामने आया था. वहां स्टूडेंट पुलिस कैडेट प्रोजेक्ट में शामिल मुस्लिम स्टूडेंट ने हिजाब और लंबी बाजू वाली ड्रेस पहनने की छूट मांगी थी. स्टूडेंट ने इस मांग को पूरा कराने के लिए केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था.
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