डीएनए हिंदी: पिछले तीन महीनों में कर्नाटक का हिजाब विवाद (Hijab Row) देश का एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंच गया और अब इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट आज सुबह साढ़े दस बजे अपना फैसला सुनाएगा. ऐसे में चलिए समझते हैं कि कैसे यह मुद्दा इतना बड़ा हो गया कि राष्ट्रीय स्तर पर इसकी इतनी चर्चाएं हो रही हैं.
दिसंबर 2021 : उडुपी महिला पीयू कॉलेज की 6 छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि कॉलेज के अधिकारियों ने हिजाब पहने छात्राओं को कक्षा के अंदर नहीं जाने दिया था.
3 जनवरी : चिकमगलूर के कोप्पा में सरकारी कॉलेज के हिंदू छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि यदि मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति दी जाती है तो वे भगवा स्कार्फ पहनने की अनुमति चाहते हैं.
6 जनवरी : मंगलुरु के पोम्पेई कॉलेज में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन हुआ.
14 जनवरी: उडुपी में प्रदर्शन कर रही मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनके प्रिंसिपल उन्हें कक्षाओं में नहीं आने दे रहे हैं.
26 जनवरी: कर्नाटक शिक्षा विभाग ने राज्य के पीयू कॉलेजों में ड्रेस कोड पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया. पीयू बोर्ड ने कॉलेजों से तब तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा.
27 जनवरी: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कर्नाटक सरकार को उडुपी के सरकारी कॉलेज में छात्राओं को प्रवेश नहीं देने के लिए नोटिस जारी किया. इसके बाद फिर 31 जनवरी को उडुपी महिला पीयू कॉलेज की छात्राओं ने हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने के लिए अंतरिम राहत का अनुरोध करते हुए इस मामले को कर्नाटक उच्च न्यायालय तक पहुंचा दिया.
2 फरवरी: कुंडापुर गवर्नमेंट पीयू कॉलेज ने भगवा स्कार्फ लिए हिंदू छात्राओं और हिजाब पहनने वाली छात्राओं के लिए अपने गेट बंद कर दिए. शिवमोग्गा जिले के एक अन्य कॉलेज में भी ऐसा ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
3 फरवरी: कुंडापुर में एक और कॉलेज प्रशासन ने हिजाब और केसर स्कार्फ पहने छात्रों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए.
5 फरवरी: उडुपी में भंडारकर कॉलेज ने हिजाब या भगवा शॉल पहने छात्रों को प्रवेश से वंचित कर दिया. कॉलेज के बाहर 'जय श्री राम' के नारे लगाते छात्र भी सामने आए जो एक नए टकराव की वजह बनता दिखा.
इस बीच कर्नाटक सरकार ने समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. सरकार के आदेश में कहा गया, "कर्नाटक शिक्षा अधिनियम-1983 के 133 (2) लागू है जो कहता है कि कपड़े की एक समान शैली अनिवार्य रूप से पहनी जानी चाहिए. निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद की ड्रेस चुन सकता है."
7 फरवरी: गवर्नमेंट पीयू कॉलेज कुंदापुरा ने छात्रों को हिजाब पहनने की अनुमति दी लेकिन उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया गया. एक अन्य घटना में चिक्कमंगलूर में भगवा और नीले रंग की शॉल पहने छात्रों के बीच गतिरोध शुरू हो गया. सीएम बोम्मई ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की.
8 फरवरी: कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब विवाद पर याचिका पर सुनवाई शुरू की. अदालत ने छात्रों और आम जनता से शांति बनाए रखने को कहा और यह भी कहा कि वह इस मामले की सुनवाई केवल संविधान के आधार पर करेगी ना कि जुनून या भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला लेगी.
इसके बाद सीएम बसवराज बोम्मई (Basawaraj Bommai) ने सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को तीन दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया.
9 फरवरी: कर्नाटक उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने हिजाब विवाद पर सुनवाई के लिए एक पूर्ण पीठ का गठन किया. चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जेएम खाजी भी इस बेंच में शामिल हैं.
10 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब विवाद की याचिकाओं को कर्नाटक उच्च न्यायालय से तत्काल आधार पर शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया.
14 फरवरी: कर्नाटक में स्कूल खुलते ही छात्रों और शिक्षकों को परिसर में प्रवेश करने से पहले अपना हिजाब और बुर्का उतारने के लिए कहा गया, जिसके तस्वीरें और वीडियो दिखाई दिए.
16 फरवरी: कुछ और दिन के लिए बंद करना पड़ा, जिन्हें शांति की उम्मीद के साथ खोला गया था.
23 फरवरी: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि हिजाब मामले में उसका अंतरिम आदेश सभी शैक्षणिक संस्थानों पर तब तक लागू है जब तक मामला विचाराधीन है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई संस्थान चाहे तो वह किसी भी समय वर्दी निर्धारित कर सकता है.
25 फरवरी: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मामले में मैराथन सुनवाई के बाद हिजाब विवाद में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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ऐसे में आज कर्नाटक हाईकोर्ट अपना फैसला सुबह साढ़े दस बजे सुनाने वाला है. इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें हैं कि आज यह फैसला किसके हक में आता है. इसकी वजह यह है कि यह मुद्दा पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के चुनाव प्रचार में भी खूब उछला था.
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