डीएनए हिंदी: Weather Forecast- हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण तबाही हुई है. बादल फटने के कारण शिमला में एक मंदिर के मलबे में दबे लोगों के शव निकाले जा रहे हैं. शिमला-कालका रेल लाइन के नीचे की जमीन बह गई है. ऐसी खबरों के बीच एक और बुरी खबर सामने आ रही है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटे के दौरान राज्य में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. इसमें भी सबसे ज्यादा चिंता तीन जिलों कांगड़ा, मंडी और शिमला के लिए जताई गई है, जहां इस मानसून सीजन में सबसे ज्यादा तबाही मची है. हालांकि साथ ही मौसम विभाग ने राज्य में 16 अगस्त के बाद बारिश घटने के कारण तबाही के थोड़ा कम होने के आसार भी जताए हैं.
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क्या कहा है मौसम विभाग ने
IMD के हिमाचल प्रदेश रीजनल सेंटर के उप निदेशक बुई लाल ने ANI से कहा, राज्य में अगले 48 घंटों के दौरान कई स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. कांगड़ा, मंडी और शिमला में मंगलवार को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी है. बुधवार (16 अगस्त) के लिए बिलासपुर, शिमला, सोलन, मंडी, कांगड़ा, सिरमौर और चंबा के लिए बारिश का येलो अलर्ट रहेगा. बुई लाल ने कहा, 16 अगस्त के बाद बारिश कम होने की संभावना है, लेकिन कुछ स्थानों पर बारिश होगी.
शिमला में मंदिर के मलबे से आज निकले 4 शव
शिमला में सोमवार को श्रावण मास के कारण जलाभिषेक के दौरान शिव मंदिर पर भारी मलबा आ गिरा था. इससे मलबे के अंदर बहुत सारे लोग दब गए थे. मलबे से लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, जिसमें मंगलवार को भी 4 शव बरामद किए गए हैं. शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने ANI से कहा, आज हमने 4 शव बरामद किए हैं. अभी तक 12 शव बरामद किए जा चुके हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF की दो कंपनियां तैनात की गई हैं, जिसके साथ SDRF, होमगार्ड, राज्य पुलिस और भारतीय सेना को भी तैनात किया गया है. बचाव अभियान जारी है.
कालका-शिमला रेल लाइन पर संचालन बंद
हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण जगह-जगह लगातार भूस्खलन हो रहा है. मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध कालका-शिमला रेल लाइन भी इसकी चपेट में आ गई. इस टॉय ट्रेन ट्रैक के नीचे से कई जगह पर जमीन बह गई है, जिसके चलते पूरा ट्रैक बाधित हो गया है. ट्रैक पर रेल संचालन बंद कर दिया गया है और मरम्मत शुरू कर दी गई है.
बारिश-बाढ़ और भूस्खलन से शिमला में अब तक 54 से ज्यादा मौत
हिमाचल प्रदेश में बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ के चलते हो रहे भूस्खलन तबाही का कारण बने हुए हैं. इसकी चपेट में आकर अब तक अकेले शिमला में ही 54 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मंडी और सोलन में सोमवार को भी बादल फटने की घटनाओं से तबाही मची थी. पूरे राज्य में रास्ते बंद हो गए हैं, जिसके चलते लोग खाने-पीने के सामान को भी तरस रहे हैं. साथ ही राज्य से इस बार सेब की फसल भी बाहर नहीं जा सकी है. इस कारण किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है.
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