डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और बारिश की वजह से लोगों का हाल बेहाल है. बारशि से संबंधित घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है. मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए राज्य में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. हिमाचल की जानलेवा बाढ़ बड़ी तबाही मचा रही है. कुछ जगहों पर मलबे से लाशें निकाली गई हैं. एक ढहे मंदिर से भी एक शख्स की लाश बरामद हुई है. हिमाचल प्रदेश में अब भी जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं.
हिमाचल प्रदेश पुलिस के मुताबिक बीते 5 दिनों में 78 लोगों की मौत हुई है. शिमला में भूस्खलन की वजह से 24 लोगों की जान गई, वहीं समर हिल के शिव मंदिर 17 लाशें मिली थीं. 5 मौतें फागली और 2 कृष्णानगर में हुई हैं. भूस्खलन की वजह से लोगों का हाल बेहाल है.
रेस्क्यू टीमों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल भूस्खलन की वजह से मलबे में दबी लाशों को बाहर निकलना है. सेना, NDRF, SDRF और पुलिस टीम के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन करना मुश्किल हो रहा है. ऐसी आशंका है कि मंदिर के मलबे के नीचे तीन लोग अभी भी दबे हुए हैं. रेस्क्यू टीमें उन जगहों पर तलाश कर रही हैं जहां जोखिम सबसे ज्यादा है. भूस्खलन की वजह से लोगों की जान पर बन आई है. शिमला में जगह-जगह ड्रोन से नजर रखी जा रही है.
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हिमाचल प्रदेश में मची है बारिश की वजह से तबाही
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 338 लोगों की जान चली गई है, वहीं 38 लोग अभी भी लापता हैं. इनमें से 221 लोगों की मौत सीधे बाढ़ और बारिश की वजह से हुई है.
हिमाचल प्रदेश में मची कितनी तबाही?
हिमाचल प्रदेश में भीषण तबाही मची है. करीब 11,900 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. भूस्खलन और बाढ़ की वजह से करीब 560 सड़कें बंद हैं. 253 ट्रांसफार्मर और 107 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा है कि राज्य में 350 लोग हताहत हुए हैं और 50 लोग अभी भी लापता हैं.
अगले 72 घंटे हिमाचल प्रदेश के लिए अहम
स्थानीय मौसम विज्ञान (MeT) कार्यालय ने कहा है कि 20 और 21 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने कहा है कि 22 और 23 अगस्त को भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने कहा है कि शिमला, सिरमौर और चंबा जिलों में बाढ़ की स्थिति और बढ़ सकती है. इन इलाकों में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन और नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है.
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हिमाचल प्रदेश में अब तक कितना हुआ है नुकसान
हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र से अपील की है कि हिमाचल प्रदेश की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाए. सरकार के जल शक्ति विभाग ने कहा है कि राज्य में करीब ₹2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. हिमचाल प्रदेश सरकार ने कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार को ब्यास नदी के लिए चरणबद्ध तटीकरण योजना का प्रस्ताव दिया गया है. इसके अलावा, सार्वजनिक निर्माण, बिजली और जल शक्ति जैसे विभागों को प्रभावित क्षेत्रों में काम करने का निर्देश दिया गया है.
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