'मियां-मियां मत बोलो मुसलमान न हों तो..' बदरुद्दीन अजमल ने ऐसा क्या कहा कि भड़क गए Himanta Biswa Sarma?

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Mar 07, 2024, 02:13 PM IST

AIUDF चीफ Badruddin Ajmal.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बदरुद्दीन अजमल को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अगर मैजिकल हीलिंग की प्रैक्टिस बंद नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. असम विधानसभा अवैज्ञानिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ कानून बना चुका है.

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) के एक बयान पर असम (Assam) में हंगामा बरपा है. उन्होंने कहा है कि मियां-मियां मत बोलते रहो. उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को भी चेतावी दी है.

बदरुद्दीन अजमल ने कहा, 'मियां-मियां मत बोलो. मैं आपको चुनौती देता हूं, अगर मुसलमान नहीं होंगे तो आपको तीन दिन तक खाना नहीं मिलेगा, निर्माण कार्य रुक जाएंगे. उन्होंने मुसलमानों को 3 दिन के भीतर गुवाहाटी छोड़ने की बात कही. लेकिन आप मुसलमानों को बाहर नहीं कर पाओगे न 3 साल में, न 300 साल में.'
 


इसे भी पढ़ें- Rouse Avenue Court ने Arvind Kejriwal को फिर भेजा समन, 16 मार्च को पेश होने का आदेश


 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मियां पर एक बयान दिया था, जिसके जवाब में बदरुद्दीन अजमल ने बयान दिया है. मंगलवार को असम के रूपहीहाट में बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि सरकार चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन सीएम मियां को 300 साल में भी गुवाहाटी से नहीं हटा सकते.

अगर किया जादुई इलाज तो होगा सख्त ऐक्शन
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार बदरुद्दीन अजमल को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने 'मैजिकल हीलिंग' की प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने की तत्काल चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर वह कानून का उल्लंघन करते पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

 


यह भी पढ़ें- 5 साल में पहली बार कश्मीर जा रहे PM मोदी, समझें क्या है प्लान


 

असम विधानसभा ने पिछले महीने असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ इविल) प्रैक्टिस बिल 2024 पर बैन लगा दिया था. राज्य में ऐसे उपचारों पर बैन लगा दिया गया है, जिन्हें विज्ञान नहीं मानता है.

क्या है इस कानून का मकसद?
असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ इविल) प्रैक्टिस बिल 2024 जादुई उपचार पर रोक लगाता है. बिना किसी वैज्ञानिक पद्धति के तंत्र-मंत्र से इलाज करने पर रोक लगाता था. यह भयावह प्रथाओं पर रोक लगाता है.

क्या करते हैं बदरुद्दीन अजमल?
बदरुद्दीन अजमल खुद को इस्लामिक नेता भी बताते हैं. उनका कहना है कि लोग स्वेच्छा से उनके पास इलाज कराने आते हैं. वे अपनी सभाओं में जादुई उपचार से लोगों को ठीक करते हैं.

असम के मुस्लिमों का एक तबका ऐसा है जो अक्सर बदरुद्दीन अजमल से अपनी पानी की बोतलों में फूंक मारने के लिए कहता है. यह दुआ पढ़ने का एक तरीका है. मान्यता है कि इससे लोग ठीक हो जाते हैं. 

हिमंत ने दे दी है आखिरी वॉर्निंग
हिमंत बिस्व सरमा ने बदरुद्दीन अजमल को चेतावनी देते हुए कहा है, 'अगर बदरुद्दीन अजमल लोगों का ऐसे इलाज करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मैं जो कहूंगा, वही होगा. मैं अपने बारे में नहीं बोल रहा हूं, मैं विधानसभा के बारे में बोल रहा हूं. विधानसभा ने ऐसी उपचार पद्धतियों को बंद कर दिया है.'

इस कानून में क्या है सजा का प्रावधान?
असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ इविल) प्रैक्टिस बिल 2024 के प्रावधानों के तहत नियम तोड़ने पर अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे.

अगर व्यक्ति पहली बार दोषी पाया जाता है तो उसे 1 साल की जेल हो सकती है, जिसे ₹50000 के जुर्माने या दोनों के साथ तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. दोबारा दोषी होने पर 5 साल की सजा सुनाई जा सकती है. 1 लाख का जुर्माना भी देना पड़ सकता है. 

देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.