कैसे गगनयान के क्रू मॉड्यूल ने भरी उड़ान, कितनी सफल रही पहली उड़ान? देखें

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 21, 2023, 11:59 AM IST

ISRO Gaganyaan.

भारत के पहले हम्युमन स्पेस मिशन गगनयान के क्रू मॉड्यूल की लॉन्चिंग सफल रही है. एक तकनीकी खामी आई थी, जिसे इसरो ने दुरुस्त कर लिया है.

डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) ने अपने महत्वाकांक्षी मानव मिशन गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च की है. पहले यह उड़ान 8 बजे प्रस्तावित थी लेकिन कुछ तकीनीकी खामियों की वजह इसरो ने इसो होल्ड पर डाल दिया था. दो घंटे के भीतर इसरो ने तकीनीकी खामी दूर की और 10 बजे गगनयान का सफल प्रक्षेपण किया. पेलोड के साथ उड़ाने भरने वाले गगनयान ने अपना पहला पड़ाव पार कर लिया है.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि एक विसंगति की वजह से कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था. इसरो ने X पर पोस्ट किया, 'प्रक्षेपण रोके जाने के कारण का पता लगा लिया गया है और उसे दुरुस्त कर दिया गया है. प्रक्षेपण आज पूर्वाह्न 10 बजे होगा.'

दो घंटे की देरी और टीवी-डी1 इंजन के शुरुआत में तय प्रक्रिया के तहत चालू नहीं हो पाने के बाद पैदा हुई घबराहट के बीच इसरो के वैज्ञानिकों ने रॉकेट का सटीक प्रक्षेपण किया. यान के क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप के अलग होते ही श्रीहरिकोटा स्थित मिशन नियंत्रण केंद्र में सांसें थाम कर बैठे वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया.

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कैसे गगनयान ने पास किया पहला टेस्ट? वीडियो में देखें
इसरो ने ऐलान किया है कि टीवी-डी1 मिशन पूरी तरह सफल रहा. तय योजना के अनुसार पेलोड बाद में समुद्र में सुरक्षित तरीके से गिर गए. इसरो ने एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम गगनयान की दिशा में आगे कदम बढ़ाया. 

क्या है गगनयान का मकसद?
इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है. इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा. (इनपुट: भाषा)

 

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