डीएनए हिंदी : कोविड की चौथी लहर(Covid 4th Wave) पांव पसार रही है. इस वक़्त में जब बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है, यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि कोरोना की इस लहर से बच्चे कितने सुरक्षित हैं. उनका कैसे ख़याल रखा जा सकता है कि स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी रूटीन और पढ़ाई भी ठीक रहे. लेते हैं पूरी जानकारी XE Variant, इसके लक्षण और बच्चों पर इसके प्रभाव की.
जनवरी में मिला था पहला केस, WHO के अनुसार 10 गुना अधिक संक्रामक
कोविड के संभावित चौथी लहर की वजह ओमीक्रोन के सबवेरिएंट BA.2 को माना जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह BA 1 की तुलना में दस गुना अधिक संक्रामक है. जनवरी 2022 के बाद दुनिया भर में इसके सैकड़ों मरीज़ पाए जा चुके हैं और भारत में भी इस वेरिएंट का आगमन हो चुका है. इसका सबसे पहला केस मुंबई में मिला था. इसे ओमीक्रोन से काफ़ी अधिक कम्यूनिकेबल माना जा रहा है.
नहीं है उतना खतरनाक पर लापरवाही ठीक नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का यह XE वेरिएंट(XE Variant) उतना खतरनाक नहीं है पर लापरवाही करना कहीं से भी उचित नहीं होगा. अतः बार-बार लोगों को कोविड सम्बन्धी सावधानियों पर ध्यान देने को कहा जा रहा है.
क्या हैं इस XE वेरिएंट के लक्षण ?
इस वेरिएंट के शुरूआती लक्षण ओमीक्रोन(Omicron) से मिलते जुलते हैं. बुखार, बंद नाक-गला, ज़ुकाम और पेट की समस्याएं अब तक इसके आम लक्षणों में निकल कर सामने आई हैं.
बच्चों के लिए कितना ख़तरनाक है यह ?
डॉक्टरों के अनुसार कोविड का XE वेरिएंट(XE Variant) पांच साल से कम उम्र के बच्चों में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम ख़तरनाक है. XE को कोविड के BA.1 और BA.2 का मिला हुआ म्यूटेशन माना जा रहा है.
क्या बच्चों का स्कूल जाना ठीक है?
चौथी लहर के आने के साथ यह चिंता बढ़ गई है कि बच्चों का स्कूल जाना कितना उचित है. इस पर AIIMS के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया(Randeep Guleria) का कहना है कि इस वक़्त घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. पिछली कोविड लहरों से साफ़ ज़ाहिर है कि संक्रमित होने पर भी बच्चों में कोविड का असर हल्का होता है साथ ही उनके रिकवर करने की गति भी बेहतर है.
हालांकि इस दरमियान राजधानी दिल्ली के स्कूल अभिभावकों को बार-बार नोटिफिकेशन भेज रहे हैं कि बच्चों को मास्क और सैनेटाइज़र के साथ ही स्कूल भेजें. साथ ही अगर बच्चा बीमार है तो उसे स्कूल न भेजें.
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