बिखरता INDIA alliance देख गिड़गिड़ाए सिब्बल, बोले 'अभी भी वक्त है संभालिए'

कुलदीप पंवार | Updated:Feb 03, 2024, 10:25 PM IST

Kapil Sibal on India Alliance: पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि अब भी समय है. कांग्रेस को वक्त की जरूरत को समझकर सभी को जोड़ने के लिए मीटिंग बुलानी चाहिए.

डीएनए हिंदी: Lok Sabha Elections 2024 Updates- पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, फिर पंजाब में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और आखिर में बिहार में नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को चुनौती देने के लिए बने विपक्षी गठबंधन INDIA का कुनबा लगातार बिखर रहा है. ऐसे में पूर्व कांग्रेसी नेता और राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल शनिवार को कांग्रेस के सामने समय की जरूरत समझने के लिए गिड़गिड़ाते दिखाई दिए. कपिल सिब्बल ने शनिवार को ANI से बातचीत में कहा कि विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक को मजबूत करने के लिए अब भी समय है. कांग्रेस को इसके लिए पहल करनी चाहिए और सभी को साथ आने के लिए एक मीटिंग बुलानी चाहिए. 

'10-15 दिन में करना होगा सब तय'

सिब्बल ने कहा कि फिलहाल हम सभी विवाद में फंस गए हैं और हम अपना समय ही खराब कर रहे हैं. कपिल सिब्बल को यह उम्मीद है कि विपक्षी कुनबे को एक तय समय में फिर से जोड़ने के लिए बातचीत के जरिये हल निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा, यह भी संभव है कि हम अगले 5, 10 या 15 दिन में एक अच्छा विकल्प तैयार कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी जताया कि वे मुद्दे की जटिलता को भी समझते हैं. उन्होंने कहा, आखिरी निर्णय सभी दलों की सामूहिक चर्चा से ही लिया जा सकता है. उन्होंने कहा, इस पर चर्चा करना उन सभी पर निर्भर करेगा, मुझ पर नहीं. लेकिन अगर मैं कहूं कि ये हो सकता है या नहीं, तो यह बातचीत पर ही निर्भर करता है.

31 जनवरी को हुई थी INDIA ब्लॉक की आखिरी मीटिंग

विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की आखिरी मीटिंग 31 जनवरी को हुई थी. दिल्ली में हुई इस मुलाकात में गठबंधन में मौजूद दलों ने लोकसभा चुनावों के लिए सीट-शेयरिंग एजेंडे पर चर्चा की थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर हुई इस मीटिंग में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, NCP चीफ शरद पवार, द्रमुक नेता टीआर बालू और माकपा नेता सीताराम येचुरी आदि शामिल हुए थे.

कांग्रेस के कारण ही छिटक रहे हैं विपक्षी दल

इंडिया गठबंधन से विपक्षी दलों के छिटकने के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. एकतरफ बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का कनवेनर नहीं बनाए जाने पर साथ छोड़ा है तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को कांग्रेस का ज्यादा सीटें मांगना रास नहीं आया है. यही कारण पंजाब और हरियाणा में आम आदमी पार्टी के कांग्रेस का साथ छोड़ने का रहा है. उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी और रालोद के साथ कांग्रेस की बात सीट-शेयरिंग के मुद्दे पर नहीं बन पा रही है. हालांकि सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने गुरुवार को कहा है कि सीट शेयरिंग पर कांग्रेस के साथ बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही इसे सभी के सामने पेश कर दिया जाएगा. यह बातचीत पॉजिटिव रही है. 

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