डीएनए हिंदीः यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia Ukraine War) के बाद वहां फंसे भारतीय छात्रों ने सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. छात्रों के परिजन भी लगातार यूक्रेन दूतावास के संपर्क में हैं. इसे लेकर विदेश मंत्रालय की लगातार उच्च स्तरीय बैठकें जारी हैं. विदेश मंत्रालय ने वहां फंसे छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी की है. कहा जा रहा है कि यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए इमरजेंसी सर्विसेज को अमल में लाया जाएगा. बता दें कि यूक्रेन में 17 हजार से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.
हवाई क्षेत्र में उड़ानों पर प्रतिबंध
रूस के हमले के बाद उत्तर-पूर्वी यूक्रेन के ऊपर हवाई क्षेत्र में नागरिक हवाई यातायात पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक NOTAM (notice to airmen) जारी किया. इसके मुताबिक कोई नागरिक हवाई उड़ान इस क्षेत्र में हीं उड़ाई जा सकती है. इसके चलते वहां फंसे भारतीयों को लेने गया एयर इंडिया का AI-1947 विमान रास्ते ही वापस लौट आया.
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भारत ने बनाई ये योजना
यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए भारत सरकार इमरजेंसी सर्विसेज को अमल में लाने की तैयारी कर रही है. हवाई क्षेत्र के बंद होने को देखते हुए वैकल्पिक रास्तों पर विचार किया जा रहा है. विदेश मंत्रालय पहले ही रूसी भाषी अधिकारियों को यूक्रेन में भारतीय दूतावास में भेज चुका है. यूक्रेन के अलावा उन्हें पड़ोसी देशों में तैनात किया जा रहा है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास काम कर रहा है. उनके द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की अपील वहीं फंसे भारतीय छात्रों से की गई है.
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विदेश मंत्रालय ने जारी की हेल्पलाइन
विदेश मंत्रालय की ओर से युद्ध के हालात को देखते हुए यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए गाइडलाइन और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. ये हेल्पालाइन 24 घंटे काम करेगी. इसके साथ-साथ वहां फंसे लोग दी गई वेबसाइट पर भी मदद मांग सकते हैं. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कीव की यात्रा करने वालों को अस्थायी तौर पर अपने शहरों को लौटने की सलाह दी है. इसके साथ ही छात्रों से फिलहाल घरों में ही रहने की अपील की है.
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