S-400 मिसाइल सिस्टम की तैनाती का प्लान बना रहा है भारत, अमेरिका ने क्यों किया दावा?

| Updated: May 18, 2022, 02:43 PM IST

एस-400 करेंगे देश की सिमाओं की हिफाजत. (सांकेतिक तस्वीर)

पाकिस्तान और चीन से रक्षा के लिए भारत अगले महीने S-400 मिसाइल सिस्टम तैनात करने की तैयारी कर रहा है.

डीएनए हिंदी: अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defense) के हेडक्वार्टर पेंटागन के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) के खतरे के मद्देनजर देश की रक्षा के लिए भारत की मंशा जून 2022 तक एस-400 मिसाइल प्रणाली की तैनाती करने की है. 

खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत सैन्य आधुनिकीकरण में जुटा है जिसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना समेत रणनीतिक परमाणु बल शामिल हैं. अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेंफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने अमेरिकी सांसद की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को यह जानकारी दी. 

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S-400 की खरीद क्यों कर रहा है देश?

रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत को पिछले वर्ष दिसंबर से रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली मिलने लगी है. अक्टूबर 2021 तक भारत की सेना अपनी जमीनी तथा समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए तथा साइबर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्नत निगरानी प्रणालियों की खरीद पर विचार कर रही थी. 

अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेंफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा, 'दिसंबर में भारत को रूसी एस-400 मिसाइल प्रणाली मिलनी शुरू हुई और पाकिस्तान-चीन से खतरे को देखते हुए भारत जून 2022 तक इस प्रणाली के संचालन की योजना बना रहा है.'

रक्षा क्षमताओं को बढ़ा रहा है भारत

स्कॉट बेरियर ने कहा, 'भारत अपने हाइपरसोनिक, बैलेस्टिक, क्रूज प्रक्षेपास्त्रों का निर्माण कर रहा है और वह हवाई रक्षा मिसाइल क्षमताओं को विकसित कर रहा है, 2021 से लगातार अनेक परीक्षण कर रहा है. अंतरिक्ष में भारत के उपग्रहों की संख्या बढ़ रही है और वह अंतरिक्ष में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.'

भारत का यूनिफाइड थिएटर कमांड पर जोर

रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत यूनिफाइड थियेटर कमांड स्थापित करने की दिशा में कदम उठा रहा है, इससे उसके तीनों सशस्त्र बलों की संयुक्त क्षमता में सुधार होगा. 

2019 से ही बदल गई है भारत की रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2019 के बाद से भारत के घरेलू रक्षा उद्योग को विस्तार देकर और विदेशी कंपनियों से रक्षा खरीद कम करने की नीति अपना कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को प्राथमिकता दी है. 

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भारत ने क्यों उठाया है यह कदम?

बेरियर ने कहा, 'भारत के रूस के साथ दीर्घकालिक रक्षा संबंध हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर भी भारत ने तटस्थ रुख अपनाया है और लगातार शांति बनाए रखने की मांग की है. भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने और समृद्धि को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है.'

बेरियर ने कहा कि अफगानिस्तान सरकार के सत्ता छोड़ने के बाद भारत हमले की आशंकाओं से चिंतित है. भारत को चिंता है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, जिन्हें अफगानिस्तान के तालिबान का समर्थन प्राप्त है,उस पर हमले कर सकते हैं. 

अगर पाकिस्तान ने की गुस्ताखी तो बुरा होगा अंजाम

बेरियर ने कहा कि भारत 2003 में किए गए सीजफायर समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है. देश आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए दृढ़ है और उसने कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच कभी कभार छोटी- मोटी झड़पें होती रहेंगी लेकिन पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा भारत में किसी बड़े आतंकवादी घटना को अंजाम देने की सूरत में भारत बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है. 

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चीन पर क्यों हो रही है तैनाती

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और चीन के बीच संबंध, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2020 में हुई हिंसक झड़प के बाद से तनावपूर्ण बने हुए हैं. वर्ष 2021 में दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर की और सैन्य स्तर की कई दौर की वार्ता हो चुकी हैं,जिसके बाद गतिरोध वाले कई स्थानों से सैनिकों को हटाया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के अभी भी कम से कम 50 हजार सैनिक,तोप, गोलाबारूद,रॉकेट लॉन्चर सीमा पर तैनात हैं और दोनों ही देश वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ढांचागत निर्माणकार्य कर रहे हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)

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