नमो भारत होगा देश की पहली रैपिड ट्रेन का नाम, RAPIDX नहीं, जानिए क्यों

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 20, 2023, 06:41 AM IST

नमो भारत ट्रेन.

नए RRTS रेलगाड़ियों का नाम नमो भारत होगा. इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी.

डीएनए हिंदी: रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) रेलगाड़ियों को नमो भारत के नाम से जाना जाएगा. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को RRTS के प्राथमिकता खंड का उद्घाटन करेंगे. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड इसके उद्घाटन के एक दिन बाद 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा. 

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री पुरी ने X पर एक पोस्ट में घोषणा की कि आरआरटीएस ट्रेन को नमो भारत के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने कहा, 'करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से जुड़ी आरआरटीएस परियोजना का प्राथमिकता खंड रफ्तार भरने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. देश के रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा.'

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PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को बताया था कि मोदी भारत में आरआरटीएस की शुरुआत करते हुए साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ने वाली एक रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. 

किस रूट पर चलेगी नमो भारत?
पीएमओ ने बताया था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर प्राथमिकता खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा. बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने आठ मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे की नींव रखी थी. नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए देश में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार आरआरटीएस परियोजना विकसित की जा रही है. 

कितनी होगी नमो भारत की रफ्तार?
आरआरटीएस 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नयी रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली प्रणाली है. पीएमओ ने बताया है कि यह एक परिवर्तनकारी क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसमें अंतर शहरी आवागमन के लिए हर 15 मिनट में हाई स्पीड वाली ट्रेन उपलब्ध होगी और आवश्यकता के अनुसार यह हर पांच मिनट में भी उपलब्ध हो सकती है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल आठ आरआरटीएस गलियारे की पहचान की गई है जिसमें पहले चरण में तीन गलियारों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी गई है. 

कितनी आई है लागत?
पीएमओ ने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है और यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा. (इनपुट: भाषा)

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